राजगीर (नालंदा) : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आयुध निर्माणी नालंदा का दौरा किया. इस दौरान सर्वप्रथम निर्माणी में अवस्थित एक मेगावाट के सोलर ऊर्जा प्लांट का निरीक्षण किया. इसके उपरांत निर्माणी की उत्पादन शाला में नाइट्रोसेलुलोज के उत्पादन संयंत्र तथा बीएमसीएस के उत्पादन प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त की.
निर्माणी पहुंचने पर महाप्रबंधक श्री मनोज श्रीधर बाघ ने पुष्पगुच्छ भेंटकर उनका स्वागत किया. श्री नीतीश कुमार ने निर्माणी द्वारा जल संचयन के लिए बनाये गये जलाशयों को देखा और बताया कि निर्माणी की स्थापना के समय उन्होंने केमिकल प्लांट की जरूरत को देखते हुए यहां बड़े जलाशयों के निर्माण का प्रस्ताव रखा था. आज इन भरे पूरे जलाशयों को देखकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है.
उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि इन जलाशयों से आसपास के क्षेत्रों का भू-जल स्तर भी बढ़ गया है. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण एवं स्वच्छता मिशन के तहत किये जा रहे कार्यों के लिए निर्माणी प्रशासन की सराहना की. इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक श्री विजय कुमार, अपरमहाप्रबंधक एके सिंह, अपरमहाप्रबंधक सुनील सप्रे, सुरक्षा अधिकारी कर्नल एसएन सहदेव, प्रशासनिक अधिकारी हितेश, सुधांशु प्रसाद, बीएस भंडारी, सन्नी तलवार, सहायक निदेशक लुईस एम खाखा आदि उनके साथ मौजूद रहे.
नालंदा : बोले मुख्यमंत्री, राज्य में प्रत्येक वर्ष प्रकाश पर्व का होगा आयोजन
राजगीर (नालंदा) : राजगीर शीतलकुंड गुरुद्वारा में गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर आयोजित कार्यक्रम के तीसरे दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिरकत की.
उन्होंने शीतल कुंड गुरुद्वारा पहुंचकर गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका और अरदास में शामिल होकर हॉकी मैदान स्थित लंगर पहुंचे, जहां पर लोगों के बीच लंगर के प्रसाद का वितरण किया व साथ-साथ लंगर में बैठकर प्रसाद ग्रहण किया. मुख्यमंत्री ने सिख संगत के संबोधन की शुरुआत वाहे गुरु का खालसा वाहे गुरु का फतेह से करते हुए कहा कि गुरुनानकदेव जी अपने यात्रा के क्रम में रजौली के रास्ते भागलपुर जाने के क्रम में राजगीर में इसी जगह पर विश्राम के लिए रुके, लेकिन इस जगह पर सिर्फ गर्म पानी का ही कुंड मौजूद था.
यहां पर लोगों ने गुरुनानक देव जी को बताया कि गर्म पानी के चलते पीने के लिए पानी की समस्या है, जिसके उपरांत गुरुनानक देव जी ने इस कुंड के जल को अपने स्पर्श से शीतल बना दिया. आज भी यह कुंड शीतलकुंड के रूप में विख्यात है. उन्होंने सिख समुदाय को आश्वस्त करते हुए कहा कि इस प्रकार का आयोजन आगे भी होता रहेगा.