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वाहन कंपनियां नहीं दे रहीं छूट, प्रोडक्शन घटा, देश में एक अप्रैल, 2020 से लागू होना है बीएस-6 उत्सर्जन मानक

खरीदार परेशान नये उत्सर्जन मानदंड (बीएस-6) प्रभावी होने से पहले वाणिज्यिक वाहन खरीदार निराश हैं. उन्हें उम्मीद थी कि नये उत्सर्जन मानक के लागू होने से पहले तक निर्माता वाणिज्यिक वाहनों की खरीद पर भारी छूट देंगे. छूट की बात अगर छोड़ भी दें तो खरीदारों को बीएस-6 मानक वाले कोई भी मॉडल बाजार में […]

खरीदार परेशान
नये उत्सर्जन मानदंड (बीएस-6) प्रभावी होने से पहले वाणिज्यिक वाहन खरीदार निराश हैं. उन्हें उम्मीद थी कि नये उत्सर्जन मानक के लागू होने से पहले तक निर्माता वाणिज्यिक वाहनों की खरीद पर भारी छूट देंगे.
छूट की बात अगर छोड़ भी दें तो खरीदारों को बीएस-6 मानक वाले कोई भी मॉडल बाजार में नजर नहीं आ रहे है. कॉमर्शियल व्हीकल डीलरों और ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि हमलोगों ने इस समस्या को लेकर कई लोगों से बात की है. लेकिन, कोई लाभ नहीं हुआ है.
उन्होंने दावा किया कि वाहनों की डिलीवरी में देरी के साथ-साथ छूट भी पिछले महीने की तुलना में कम है. वहीं, वाहन निर्माता कंपनियों ने भी 2017 में जब बीएस-3 मानक लागू हुआ था, की परिस्थिति से सबक लेते हुए गाड़ियों को बनाना ही कम कर दिया है.
बता दें कि 2017 में जब सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-3 की जगह बीएस-4 Iमानक वाले वाहन लाने का आदेश दिया था, तो वाहन निर्माताओं को काफी नुकसान हुआ था. उन्हें गाड़ियों पर बड़ी छूट देकर अपना स्टॉक खाली करना पड़ा था. इससे कंपनियों को काफी नुकसान भी झेलना पड़ा था.
निर्माताओं द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक, कंपनियों को एस साल करीब 1200 करोड़ रुपये की हानि हुई थी. वाहन निर्माताओं ने इसी घटना से सबक लेते हुए वाहनों की डिलीवरी कम कर दी है और निर्माण भी कम कर दिया है. उनका मानना है कि न हम वाहन बनायेंगे, न ही बने वाहनों को बाजार में उतारेंगे. जरुरत के मुताबिक ही गाड़ियों की सप्लाई हो रही है.
2017 में बीएस-3 लागू होने की घटना से कंपनियों ने लिया है सबक
कंपनियों में घटा स्टॉक, नहीं चाहतीं कि इस बार कोई भी वाहन बिना रजिस्ट्रेशन के बचे
आर्थिक सुस्ती से भी निर्माताओं में भय, किसी भी तरह की भविष्यवाणी से बच रहे निर्माता
बीएस-6 मानक वाले इंधनों की आपूर्ति सुनिश्चित होने तक कंपनियां
बीएस-4 मानक वाले वाहनों को बनाने के मूड में
बीएस-4
इसमें सल्फर की मात्रा अधिक होती है, नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन भी अधिक, फेंफड़ों में इंफेक्शन जैसी समस्या
बीएस-6
एक एडवांस एमीशन कंट्रोल सिस्टम लगेगा, डीजल वाहनों में 70% और पेट्रोल वाहनों में 25% तक नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करेगा

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