नयी दिल्ली : छह बार की विश्व चैम्पियन एम सी मैरी कॉम (51 किग्रा) ने शनिवार को निकहत जरीन को 9-1 से हराकर चीन में अगले साल होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर के लिये भारतीय टीम में जगह बनायी.
इस मुकाबले में 36 साल की मैरी कॉम ने बहुत दमदार मुक्के जमाकर स्पष्ट अंक हासिल किये और टीम में जगह सुनिश्चित की, लेकिन बाक्सिंग हॉल के अंदर माहौल तनावपूर्ण रहा क्योंकि जरीन (23 साल) ने ट्रायल की सार्वजनिक मांग कर विवाद खड़ा कर दिया था.
मुकाबले के दौरान और रिंग के बाहर दोनों मुक्केबाजों के बीच बहस भी हुई. जब नतीजा घोषित किया गया तो जरीन के घरेलू राज्य तेलंगाना मुक्केबाजी संघ के कुछ प्रतिनिधि इसका विरोध करने लगे.
मैरी कॉम ने मुकाबले के बाद कहा, मैं थोड़ी नाराज थी. इसमें कोई शक नहीं, लेकिन अब सबकुछ हो गया. मैं आगे बढ़ गयी. मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगी कि बोलने से पहले प्रदर्शन करो, इससे पहले नहीं. आप रिंग में जो करते हो, उसे हर कोई देख सकता है.
मुकाबले के बाद दोनों ने हाथ भी नहीं मिलाये और जरीन के गले लगाने की कोशिश की लेकिन मैरी कॉम ने ऐसा नहीं किया. इसके बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, हमारे खेल में इसे पकड़ना बोला जाता है. मैरी कॉम ने कहा, मैंने यह विवाद खड़ा नहीं किया. मैंने ऐसा कभी नहीं कहा कि मैं ट्रायल के लिये नहीं आऊंगी.
इसलिये मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती जब कोई आरोप लगायेगा कि यह मेरी गलती थी. यह मेरी गलती नहीं थी और मेरा नाम इसमें नहीं घसीटा जाना चाहिए. जरीन ने कहा, उन्होंने जैसा बर्ताव किया, उससे मैं आहत हूं. उन्होंने रिंग के अंदर भी कुछ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, लेकिन ठीक है.
उन्होंने कहा, मैं जूनियर हूं, मुकाबला खत्म होने के बाद अगर वह गले लग जाती तो यह अच्छा होता. लेकिन मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती. तेलंगाना मुक्केबाजी संघ के प्रतिनिधित्व कर रहे एपी रेड्डी ने इस फैसले का जोरदार विरोध किया.
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने बीच में आकर हालात नियंत्रित किये. अजय सिंह ने उन्हें रिंग के पास से हटने को कहा और निराश जरीन ने खुद उन्हें शांत किया. रेड्डी ने बाद में पत्रकारों से कहा, इस तरह की राजनीति में मुक्केबाजी आगे कैसे बढ़ेगी.