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हालात सामान्य हैं लेकिन सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है: संजीव बालयान

<p>शुक्रवार को पूरे राज्य में और ख़ास तौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ लाखों लोगों ने प्रदर्शन किया था.</p><p>मुज़फ़्फ़रनगर में भी एक बड़ा प्रदर्शन हुआ था जिस दौरान हुई हिंसा में कई प्रदर्शनकारी और कई पुलिस वाले घायल हो गए थे.</p><p>पुलिस का कहना है कि सोमवार तक हिंसा करने के […]

<p>शुक्रवार को पूरे राज्य में और ख़ास तौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ लाखों लोगों ने प्रदर्शन किया था.</p><p>मुज़फ़्फ़रनगर में भी एक बड़ा प्रदर्शन हुआ था जिस दौरान हुई हिंसा में कई प्रदर्शनकारी और कई पुलिस वाले घायल हो गए थे.</p><p>पुलिस का कहना है कि सोमवार तक हिंसा करने के आरोप में 48 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.</p><p>हालांकि लोगों का आरोप है कि पुलिस ने यहां लोगों के घरों में घुसकर तोड़फोड़ की है. </p><p><em>इस मुद्दे पर वहां </em><em>के </em><em>सांसद</em><em> और केंद्रीय मंत्री</em><em> संजीव बालियान क्या कहते हैं</em><em>, पढ़िए- </em></p><p>अभी हालात बिल्कुल सामान्य हैं. मैं लगातार शुक्रवार को वहां था और गुरुवार को ही वहां से आया था. वहां हालात सामान्य हो चुके हैं.</p><p>प्रशासन की तरफ से वहां अलग-अलग समूहों से जैसे बातचीत की जाती है, बातचीत जारी है.</p><p>एहतियात के तौर पर यह कह सकते हैं कि अभी तक इंटरनेट बंद है. ज़मीनी स्तर पर मुझे नहीं लगता कि हालात में फिलहाल कोई समस्या है.</p><p>मुझे हालात सुधरने के मौक़े कम ही लगते हैं लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर हमें इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि पिछली बार भी हिंसा शुक्रवार को हुई थी और जुमे की नमाज़ के वक्त ज़्यादा लोग इकट्ठा हो जाते हैं.</p><p>लोग इकट्ठा न हों ये प्रयास इस बार शुक्रवार को भी करना पड़ेगा. बाक़ी हालात सामान्य हैं लेकिन शुक्रवार तक थोड़ा सा आवश्यकता है.</p><p>मैं बीते शुक्रवार को वहां था और मुझे काफी लोग मिले. मुझे सच कहूं तो कोई ये नहीं बता पाया कि वो सड़कों पर क्यों हैं.</p><p>मेरे जनपद मुज़फ़्फ़रनगर में आठ परिवार हैं जो भारत के बाहर से आकर वहां बसे हैं. चार परिवार 1979 में पाकिस्तान से आए थे और चार परिवार बांग्लादेश से. इन परिवारों को नागरिकता क़ानून के ज़रिए नागरिकता मिलेगी.</p><p>आठ परिवार को नागरिकता मिलेगी जो 40 साल पहले भारत आए थे.</p><p>इस बात से आम लोगों को क्या फर्क पड़ता है, मुज़फ़्फ़रनगर के मुसलमान समाज को क्या फर्क पड़ता है, इस बात को न तो मैं समझ पाया हूं और न ही प्रदर्शन करने वाले समझ पा रहे हैं.</p><p>मुझे लगता है कि इसके पीछे कहीं न कहीं कोई बड़ी साजिश है.</p><figure> <img alt="मुज़फ़्फ़रनगर" src="https://c.files.bbci.co.uk/17481/production/_110316359_6dc310f1-ea2b-4eba-b6bd-e92363714d7f.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Sameeratmaj Mishra/BBC</footer> </figure><p>जिस तरह से मैं उस दिन देख रहा था कि 12 साल से 18 साल के युवा, विशेषरूप से जो मदरसों में पढ़ते हैं बहुत बड़ी तादाद में थे.</p><p>अब 12 साल के बच्चे को क्या पता है कि देश में क्या हैं क्या नहीं है, उन्हें तो एक तरह से लाया जाता है. मुझे लगता है कि कहीं न कहीं कोई साजिश है. कुछ लोग ऐसे जुड़े हुए हैं और पता किसी को भी नहीं है कि वो प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं.</p><p>मैंने कई लोगों से पूछा है. रविवार को मुझसे मिलने काफी लोग आए थे मैंने उनसे पूछा था कि आपकी समस्या क्या है, आप क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं.</p><p>मुज़फ़्फ़रनगर में दंगे, आगज़नी और प्रदर्शन जो किया गया है उसका औचित्य मेरी समझ से परे है.</p><p><em>मुज़फ़्फ़रनगर</em><em> में पुलिस पर इस तरह के आरोप लगा जा रहे हैं कि उन्होंने घरों में घुस कर लोगों को मारा-पीटा है, वो लोगों को गिरफ्तार करने गए थे लेकिन उन्होंने लोगों को बर्बरता की है</em><em>?</em></p><p>अगर बर्बरता देखनी थी तो मुज़फ़्फ़रनगर में आपको दो बजे आना चहिए था.</p><p>पचास हज़ार लोग थे. शायद भारत में पचास हज़ार कहीं इकट्ठा नहीं हुए थे. जो मोटरसाइकल सामने आई उसमें आग लगा दी गईं. </p><p>पथवार जबर्दस्त हुआ था, मैं वहां मौक़े पर मौजूद था.</p><p>या आप खड़े होते या फिर कोई टीम खड़ी होती या जो लोग आज उपदेश देते हैं वो लोग पथराव के सामने खड़े हो जाएं. पचास हज़ार की भीड़ के सामने, वो लोग तो आग लगाने के लिए निकल चुके थे.</p><p>इसके बाद तीन चार घंटों में जो तांडव मुज़फ़्फ़रनगर शहर में मचाया गया है उसके बाद फुटेज में जिनके चेहरे स्पष्ट गोली चलाते हुए या पथराव करते हुए दिखाई देते हैं क्या पुलिस उन्हें गिरफ्तार न करे.</p><p>पुलिस पहले ही स्पष्ट कर चुकी है, मैं भी स्पष्ट कर चुका हूं, कि धरना प्रदर्शन में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ कदम नहीं उठाए जाएंगे लेकिन जिन लोगं ने पथराव किया, सरकारी संपत्ति को नुक़सान किया, गाडज़ियां जलाई और गोलियां चलाई – और जिन लोगों के वीडियो हैं सिर्फ उन लोगों के ख़िलाफ़ कदम उठाए जाएंगे, वो लोग नहीं बचेंगे.</p><figure> <img alt="मुज़फ़्फ़रनगर" src="https://c.files.bbci.co.uk/18D9/production/_110316360_3c31bfa2-4017-4003-b468-93bf0d55176f.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Sameeratmaj Mishra/BBC</footer> </figure><p><em>तो आपको लगता है कि क्या </em><em>मुज़फ़्फ़रनगर</em><em> के मुसलमानों को डरना चाहिए</em><em>?</em></p><p>डर कर पचास हज़ार लोग आए और आगज़नी की ये बड़ी अच्छी बात है. मुझे तो आपकी बात सुन कर आश्चर्य होता है कि डर कर पचास हज़ार लोग पथराव कर के निकल जाते हैं. </p><p>मुझे लगता है कि जिसने आपसे ये बात की होगी वो निश्चित रूप से प्रदर्शन में शामिल रहा होगा. </p><p>प्रदर्शन होना चाहिए मैं उसके लिए मना नहीं कर रहा, लेकिन आप पथराव करेंगे? आप आगज़नी करेंगे? आप शहर के बाज़ारों में निकलेंगे? आप टेरराइज़ करेंगे? डरा हुआ व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को टेरराइज़ करता है?</p><p>नहीं साहब ऐसे नहीं होता. कोई डरा हुआ नहीं है, किसी को कोई समस्या नहीं है.</p><p>डरे हुए तो वो लोग थे जो पाकिस्तान से आए थे, जिनकी माता और बहनों को मुसलमान बना दिया गया. यहां इस देश में कोई डरा हुआ नहीं है.</p><p>ये तो राजनीतिक बात है, राजनीतिक लाभ हानि के लिए कहा जाता है कि कोई डरा हुआ है. डरा हुआ इस देश में कोई नहीं है.</p><figure> <img alt="मुज़फ़्फ़रनगर" src="https://c.files.bbci.co.uk/3FE9/production/_110316361_8e798c00-5df2-42db-9536-19ff6affcc75.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Sameeratmaj Mishra/BBC</footer> </figure><p><em>कई लोग इनको 2013 में हुए दंगों के साथ भी जोड़ रहे हैं और कह रहे हैं कि इसीलिए अपने संसद पर उन्हें भरोसा कम है.</em></p><p>अब जिसका भरोसा मुझ पर कम है वो अगले चुनाव में मुझे वोट न दे. अब बीच में तो उनके लिए ये बदलना मुश्किल होगा.</p><p>ये बात ठीक है कि राजनीतिक आधार पर लोगों के सोचने का नज़रिया होता है, जिसने वोट नहीं दिया वो ऐसे सोचेगा.</p><p>लेकिन मेरी नज़र में मुज़फ़्फ़रनगर का हर नागरिक बराबर है और मैं किसी को भी अनुमति नहीं दूंगा कि मुज़फ़्फ़रनगर की शांति भंग हो.</p><p>मुज़फ़्फ़रनगर को बर्बाद करने की जो भी सोचेगा मैं उसके ख़िलाफ़ हूं, चाहे वो किसी जाति, किसी धर्म का हो.</p><p>मैं किसी भी निर्दोष के साथ हूं. अगर एक भी व्यक्ति ऐसा है जेल गया है जिसके ख़िलाफ़ सबूत नहीं है उसके छुड़वाने की ज़िम्मेदारी मेरी है.</p><p><strong>(बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री</strong><strong> संजीव बालियान से बात की बीबीसी संवाददाता अरुणोदय मुखर्जी ने.</strong><strong>)</strong></p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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