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राज्य में हंगामे की होती है राजनीति : दिलीप घोष
कोलकाता/हल्दिया : हंगामे नहीं होंगे, तो क्या राजनीति होगी? कभी वे करेंगे या हम करेंगे. पश्चिम बंगाल में हंगामे की ही राजनीति होती है. प्रदेश भाजपा हर परिस्थिति के लिए तैयार है. राज्य में आगामी निकाय चुनाव की तैयारी पार्टी ने अभी से शुरू कर दी है. राज्य में चुनाव का मतलब हंगामा और हिंसा […]
कोलकाता/हल्दिया : हंगामे नहीं होंगे, तो क्या राजनीति होगी? कभी वे करेंगे या हम करेंगे. पश्चिम बंगाल में हंगामे की ही राजनीति होती है. प्रदेश भाजपा हर परिस्थिति के लिए तैयार है. राज्य में आगामी निकाय चुनाव की तैयारी पार्टी ने अभी से शुरू कर दी है. राज्य में चुनाव का मतलब हंगामा और हिंसा है.
चुनाव में यदि हिंसा हुई तो भी भाजपा ही जीतेगी. ये बातें प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कही. वह शुक्रवार को कांथी में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में हुई रैली के पहले संवाददाताओं से मुखातिब हुए.
उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार का कारण एनआरसी व सीएए नहीं बल्कि वहां की स्थानीय कुछ समस्याएं थीं. भाजपा नेता दिलीप घोष के उपरोक्त बयान की तृणमूल और माकपा के नेताओं ने आलोचना की है. तृणमूल कांग्रेस के नेता तापस राय ने कहा है कि लोग भाजपा को धीरे-धीरे सभी राज्यों से बाहर कर रहे हैं.
आरोप के अनुसार अब वे पश्चिम बंगाल में हिंसा के माध्यम से अपना नियंत्रण चाहते हैं, लेकिन बंगाल की राजनीतिक संस्कृति के बारे में नहीं जानते. वहीं, माकपा नेता डॉ सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि राज्य के लोग हिंसा की राजनीति को कभी स्वीकार नहीं करते हैं. कुछ भाजपा नेता हैं, जो ऐसा बयान देते हैं, ताकि वे सुर्खियों में बने रहें.
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