राजदेव पांडेय, पटना : राज्य में डीएलएड के 20 साल पुराने सिलेबस को बदल दिया जायेगा. अब दो साल के पाठ्यक्रम में पहले साल 17 और दूसरे साल 14 टॉपिक पढ़ने होंगे. प्रारंभिक स्कूलों में पढ़ाई के बदलते ट्रेंड, नयी शिक्षा नीति की जरूरतों को देखते हुए बिहार स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग […]
राजदेव पांडेय, पटना : राज्य में डीएलएड के 20 साल पुराने सिलेबस को बदल दिया जायेगा. अब दो साल के पाठ्यक्रम में पहले साल 17 और दूसरे साल 14 टॉपिक पढ़ने होंगे. प्रारंभिक स्कूलों में पढ़ाई के बदलते ट्रेंड, नयी शिक्षा नीति की जरूरतों को देखते हुए बिहार स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीइआरटी ) ने डीएलएड का नया कोर्स या पाठ्यक्रम डिजाइन किया है, जिसके के आधार पर 2020 से डीएलएड की पढ़ाई होगी.
खास यह कि नये पाठ्यक्रम की सभी किताबें एससीइआरटी विद्यार्थियों को नि:शुल्क उपलब्ध करायेगा. अब तक डीएलएड की सभी किताबें विद्यार्थियों को बाजार से खरीदनी पड़ती थीं. 1500 से दो हजार रुपये कीमत की किताबों के लिए बाजार पर निर्भर रहना पड़ता था. इस कठिनाई से अब मुक्ति मिल जायेगी. डिजिटल में रुचि रखने वाले डीएलएड विद्यार्थियों को ये किताबें आॅनलाइन भी मिल सकेंगी.
जानकारी के मुताबिक डीएलएड का नया पाठ्यक्रम राष्ट्रीय गाइडलाइन करिकुलर गाइडलाइन-2009 और बिहार करिकुलर फ्रेमवर्क-2007 की गाइडलाइन अनुशंसाओं को मिलाकर बनाया गया है. इस पाठ्यक्रम के प्रभावी होने से डीएलएड टीचर्स को अध्यापन में आने वाली भविष्य की कठिनाइयों का हल मिल सकेगा. खासतौर पर बच्चों की मनोदशा के मद्देनजर अध्यापन संबंधी कठिनाइयों का अंत हो सकेगा.
अब पहले साल 17 और दूसरे साल पढ़ने होंगे 14 टॉपिक, मिलेंगी मुफ्त में सभी किताबें
एससीइआरटी ने बनाया डीएलएड का नया पाठ्यक्रम
नया सिलेबस राष्ट्रीय और प्रादेशिक फ्रेमवर्क पर आधारित है. इसका अंतिम मूल्यांकन चल रहा है. इससे इस कोर्स से प्रशिक्षित टीचर बिहार के प्राइमरी एजुकेशन को मजबूत बनाने में अधिक कारगर साबित होंगे.
-विनोद कुमार सिंह, निदेशक, एससीइआरटी, बिहार