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रांची : ठगा महसूस कर रहे हैं बीएयू के पेंशनधारी

राशि मिलने पर देने को कह रहा विवि रांची : बिरसा कृषि विवि के पेंशनर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. विवि प्रशासन कार्यरत कर्मचारियों को जून 2019 से सातवें वेतनमान के आधार पर पेंशन का भुगतान कर रहा है, लेकिन पेंशनर के मामले में राज्य सरकार से राशि मिलने के बाद ही भुगतान […]

राशि मिलने पर देने को कह रहा विवि
रांची : बिरसा कृषि विवि के पेंशनर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. विवि प्रशासन कार्यरत कर्मचारियों को जून 2019 से सातवें वेतनमान के आधार पर पेंशन का भुगतान कर रहा है, लेकिन पेंशनर के मामले में राज्य सरकार से राशि मिलने के बाद ही भुगतान की बात कह कर मामले को टाल दे रहा है.
विवि के निदेशक प्रशासन ने कार्यालय अादेश निकाल कर कहा था कि विवि में कार्यरत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकेतर कर्मियों (पदाधिकारियों, कर्मचारियों व शिक्षकेतर संवर्ग) को वित्त विभाग के आलोक में सातवें पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ एक जनवरी 2016 के प्रभाव से स्वीकृत करते हुए विहित प्रपत्र में शपथ पत्र (सेवारतकर्मी) से प्राप्त कर अौपबंधिक वेतनमान निर्धारित के फलस्वरूप एक जून 2019 से वेतन निर्गत करने की स्वीकृति दी जाती है. एक जनवरी 2016 से 31 मई 2019 तक का बकाया राशि का भुगतान इस मद में सरकार से राशि प्राप्त होने के बाद की जायेगी.
विवि द्वारा इस आदेश के अनुरूप सेवारत कर्मियों को नये वेतनमान के आधार पर एक जून से भुगतान किया जाने लगा, लेकिन लगभग 940 पेंशनरों को पेंशन नहीं दी गयी. पेंशनरों ने जब कुलपति से इस बाबत मिले तो कहा गया कि दिसंबर माह से भुगतान सुनिश्चित कर दिया जायेगा. अब जब पेेंशनर पेंशन मांगने गये, तो विवि प्रशासन ने कहा कि सरकार से राशि मिलेगी, तब भुगतान किया जायेगा.
इस पर पेंशनर भड़क गये. कहा कि सरकार से तो वेतन व पेंशन मद में राशि बहुत पहले उपलब्ध करा दी है. सिर्फ बकाया राशि का भुगतान सरकार से राशि मिलने के बाद किये जाने की बात थी. अब विवि प्रशासन ने पेंशनरों को एक अंडरटेकिंग फॉर्म दिया है अौर कहा है कि सभी पेंशनर जब तक इसे भर कर जमा नहीं करेंगे, पेंशन नहीं मिलेगी. इस अंडरटेकिंग में कहा गया है कि अगर अधिक राशि का भुगतान होता है, तो उनसे वसूली कर ली जायेगी.
इस पर भी पेंशनरों ने आपत्ति जतायी. पेंशनरों का कहना है कि अंडरटेकिंग सेवारत कर्मचारियों से लेने की अधिसूचना जारी है, इसमें पेंशनर कहां से आ गये. और फिर विवि के लगभग 940 पेंशनरों को कहां से ढूंढेंगे. जबकि विवि प्रशासन का कहना है कि जब तक सभी पेंशनर का अंडरटेकिंग नहीं मिल जायेगा, भुगतान नहीं होगा.
इधर पेंशनरों ने विवि प्रशासन पर यह भी आरोप लगाया है कि लगभग 35 पेंशनरों के ग्रुप जीवन बीमा की राशि भी नहीं दी गयी है, जबकि इस मद में पांच करोड़ रुपये विवि के पास पूर्व से जमा हैं. फिलहाल विवि प्रशासन व पेंशनरों की कागजी लड़ाई में प्रत्येक पेंशनर को लगभग छह से सात हजार रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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