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कोयलांचल ने एक बार फिर बचायी भाजपा की लाज, झरिया गंवायी तो निरसा सीट पर किया कब्जा

ढुलू ने कड़ी टक्कर में लगायी जीत की हैट्रिक महागठबंधन को भी मिली दो सीटें धनबाद: कोयलांचल ने एक बार भाजपा की लाज बचायी. धनबाद जिला के छह में से चार सीटें जीत कर भाजपा यहां पर अपना दबदबा बरकरार रखने में सफल रही. वहीं महागठबंधन ने भी दो सीटों पर जीत दर्ज कर यहां […]

ढुलू ने कड़ी टक्कर में लगायी जीत की हैट्रिक

महागठबंधन को भी मिली दो सीटें
धनबाद: कोयलांचल ने एक बार भाजपा की लाज बचायी. धनबाद जिला के छह में से चार सीटें जीत कर भाजपा यहां पर अपना दबदबा बरकरार रखने में सफल रही. वहीं महागठबंधन ने भी दो सीटों पर जीत दर्ज कर यहां अपनी उपस्थिति दर्ज करायी.
क्या रहा समीकरण : वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आजसू के साथ गठबंधन कर छह में से पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसमें चार सीटों पर भाजपा विजयी हुई थी. इस बार भाजपा अकेले लड़ी. छह में से चार सीटों पर जीत दर्ज की. यानी भाजपा को यहां सीटों का कोई नुकसान नहीं हुआ. पिछली बार भाजपा ने धनबाद, झरिया, सिंदरी एवं बाघमारा सीट पर जीत दर्ज की थी. इस बार भी भाजपा ने धनबाद, सिंदरी एवं बाघमारा में जीत का सिलसिला बरकरार रखा. लेकिन झरिया सीट गंवा दी. जबकि भाजपा पिछले तीन बार से झरिया से जीतते रही थी. झरिया में इस बार भाजपा ने विधायक संजीव सिंह की जगह उनकी पत्नी रागिनी सिंह को मैदान में उतारा था. लेकिन, यह दांव सफल नहीं रहा.
निरसा, सिंदरी में लाल झंडा साफ
भाजपा ने इस बार निरसा में भी प्रत्याशी बदला. पूर्व मंत्री अपर्णा सेनगुप्ता को टिकट दिया. श्रीमती सेनगुप्ता जो एक बार पहले निरसा से विधायक रह चुकी हैं ने इस बार मासस के अरूप चटर्जी को शिकस्त दे कर पहली बार लाल गढ़ के रूप में प्रसिद्ध निरसा में कमल खिलाया. सिंदरी में भी इस बार लाल झंडा लहराने का मंसूबा फेल हो गया. यहां भी भाजपा ने वर्तमान विधायक फूलचंद मंडल का टिकट काट कर जिला 20 सूत्री उपाध्यक्ष इंद्रजीत महतो को उतारा. श्री महतो ने मासस के दिग्गज नेता व चार बार विधायक रहे आनंद महतो को हरा कर यहां भगवा झंडा को बुलंद रखा. बाघमारा से भाजपा प्रत्याशी ढुलू महतो ने कड़े मुकाबले में कांग्रेस के जलेश्वर महतो को हरा कर जीत की हैट्रिक लगायी. भाजपा प्रत्याशी के रूप में उनकी यह दूसरी जीत है.
मथुरा महतो व पूर्णिमा ने महागठबंधन को दिलायी जीत
टुंडी से झामुमो के मथुरा प्रसाद महतो भाजपा के विक्रम पांडेय को हरा कर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे. उन्होंने यहां झामुमो का झंडा बुलंद किया. वहीं झरिया से कांग्रेस की पूर्णिमा नीरज सिंह ने भाजपा की रागिनी सिंह को हरा कर कांग्रेस खेमे में खुशियां लौटायी. एक दशक बाद धनबाद जिला के किसी सीट से कांग्रेस को जीत हासिल हुई है.
राज ने धनबाद में खींची बड़ी लकीर: धनबाद में भाजपा प्रत्याशी राज सिन्हा ने लगातार दूसरी बार सबसे ज्यादा वोट से जीत कर नया रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने यहां एक नयी लकीर खींची.
अधिकांश नेताओं ने दूसरी राह पकड़ी : विधानसभा चुनाव के दौरान धनबाद के अधिकांश भाजपा नेताओं ने दूसरे क्षेत्र में समय दिया. यहां पर पार्टी प्रत्याशी राज सिन्हा को अपने भरोसे छोड़ दिया गया. सांसद पशुपति नाथ सिंह यहां पर कुछ घूमे जरूर. लेकिन, उनके खास समर्थक व नजदीकी माने जाने वाले नेता झरिया, निरसा में ज्यादा सक्रिय दिखे. मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल भी पहले कोलहान में बतौर प्रभारी कैंप किये हुए थे. बाद में धनबाद पहुंचे तो धनबाद से ज्यादा दूसरे क्षेत्रों में सक्रिय नजर आये. भाजयुमो के जिलाध्यक्ष अमलेश सिंह, महामंत्री तमाल राय भी ज्यादा समय झरिया में ही रहे. भाजपा के जिला महामंत्री संजय झा बतौर प्रभारी सिंदरी में रहे. जियाडा के स्वतंत्र निदेशक सत्येंद्र कुमार भी झरिया के प्रभारी बने हुए थे. जिला उपाध्यक्ष मानस प्रसून झरिया में सह प्रभारी बन कर रहे.
धनबाद में कोई बड़ी सभा भी नहीं : धनबाद विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में किसी बड़े नेता की सभा तक नहीं हुई. जो भी बड़े नेता आये, केवल प्रेस कांफ्रेंस तक ही अपने को सीमित रखा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जरूर बरवाअड्डा में सभा कर नौ क्षेत्रों के भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगे थे. पीएम का सभा स्थल धनबाद विधानसभा क्षेत्र से सटा हुआ जरूर था. यहां कोई केंद्रीय मंत्री भी नहीं आये. सीएम रघुवर दास भी प्रचार के अंतिम दिन रोड शो में कुछ देर के लिए ही आये.
भाजपा की राजनीति पर पड़ेगा असर : धनबाद के चुनाव परिणाम का भाजपा के चुनावी राजनीति पर दूरगामी असर पड़ेगा. आने वाले समय में पार्टी के अंदर गुटीय राजनीति तेज होगी. आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज होगा. अगले वर्ष यहां पार्टी के संगठनात्मक चुनाव पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा.
हार कर भी कांग्रेस ने दिखाया दम : धनबाद विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी मो. मन्नान मल्लिक भले ही चुनाव हार गये. लेकिन, इस चुनाव में उन्होंने भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायी. श्री मल्लिक को वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव से इस बार के चुनाव में लगभग 11 हजार वोट ज्यादा मिले. उन्हें लगभग 90 हजार मत मिले. जबकि पिछली बार लगभग 79,094 मत मिले थे. कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में भी यहां कोई बड़े नेता नहीं आये. कांग्रेस प्रत्याशी को भी अपने ही दल के अंदर विरोध का सामना करना पड़ा. पार्टी के कई नेता पूरे चुनाव प्रचार से दूर रहे.
तीसरे कोण न होने का साफ दिखा असर
धनबाद विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर भाजपा एवं कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हुआ. कोई भी तीसरा प्रत्याशी यहां अपनी जमानत तक नहीं बचा पाया. निर्दलीय प्रत्याशी रंजीत सिंह उर्फ बबलू सिंह 2852 मत के साथ तीसरे स्थान पर रहे. जबकि लोजपा के विकास रंजन 2426 मतों के साथ चौथे स्थान पर रहे. जेवीएम के सरोज कुमार सिंह को 1458 मत मिले. यहां अगर कोई तीसरी ताकत उभरती तो मुकाबला और दिलचस्प हो सकता था.

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