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झारखंड चुनाव परिणाम : सरयू राय ने कहा, जनता की आह लगने के कारण हारे रघुवर, जानें और क्या-क्या बोले सरयू

जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी ने रघुवर दास को हराने के बाद कहा जमशेदपुर : जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के भाजपा उम्मीदवार रघुवर दास को जनता की आह लगी है. जिसके कारण वह हारे हैं. जनता की आह लगने के कारण ही उनकी पराजय हुई है. सत्ता में आने के बाद व्यक्ति को विनम्रता से […]

जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी ने रघुवर दास को हराने के बाद कहा
जमशेदपुर : जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के भाजपा उम्मीदवार रघुवर दास को जनता की आह लगी है. जिसके कारण वह हारे हैं. जनता की आह लगने के कारण ही उनकी पराजय हुई है. सत्ता में आने के बाद व्यक्ति को विनम्रता से जनता की बातों को सुनकर उनकी मदद करनी चाहिए. लेकिन जनता की समस्या को नहीं सुनना, वरीय अधिकारियों को फटकार लगाना और पार्टी के कार्यकर्ताओं को चिरकुट समझना ही रघुवर की हार का कारण बना है. उनके साथ में रहनेवाले लोग भी खुद को नेता समझते थे. किसी को भी कुछ भी बोल देते थे.
जीत प्राप्त करने के बाद व्यक्ति को अहंकार नहीं पालना चाहिए, क्योंकि उसका अंत बहुत जल्द ही होता है. जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय ने जीत दर्ज करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही. सरयू राय ने बताया कि यह जीत पूर्वी विधानसभा की जनता की जीत है. जनता ने उन्हें यह जीत दिलायी है. इसलिए उनकी पहली प्राथमिकता यह रहेगी कि वह जनता की उम्मीद पर खरा उतरेंगे. लोगों के विश्वास को वह कभी नहीं तोड़ेंगे.
उन्होंने बताया कि वह पूर्ण रूप से राजनीतिक व्यक्ति नहीं है. पांच वर्ष तक सरकार में रहने के बाद भी उनका एक पैर सरकार के साथ था और दूसरा पैर जन सरोकार के साथ. उनके दोनों पैर जन सरोकार के साथ हो सकते हैं लेकिन दोनों पैर सरकार के साथ कभी नहीं हो सकते. जन सरोकार करना उनका पहला दायित्व है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में वह पूर्वी विधानसभा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति से काफी वाकिफ नहीं है.
लेकिन उसके बाद भी वह किसी न किसी के साथ मिलकर अपने विधानसभा के सभी मुहल्ला और बस्तियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर, वहां रहनेवाले लोगों की समस्याओं को समाप्त करेंगे, ताकि लोग खुद को ठगा नहीं समझें. उन्होंने बताया कि वह तटस्थ रहकर काम करेंगे. राज्य और देश हित में जो भी कार्य किया जायेगा, उस कार्य में वह उनके साथ है.
क्या-क्या बोले सरयू
जनता की समस्याओं को नहीं सुनना, वरीय अधिकारियों को फटकार लगाना और पार्टी के कार्यकर्ताओं को चिरकुट समझना ही रघुवर की हार का कारण बना
उनके साथ में रहनेवाले लोग भी खुद को नेता समझते थे. किसी को भी कुछ भी बोल देते थे. जीत प्राप्त करने के बाद व्यक्ति को अहंकार नहीं पालना चाहिए, क्योंकि उसका अंत बहुत जल्द ही होता है.
86 बस्ती के लोगों को उनका हक दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करूंगा
मालिकाना हक के लिए पीएम से बात करूंगा
सरयू राय ने बताया कि मालिकाना हक दिलाने के मामले में वह चुप नहीं बैठेंगे. 86 बस्ती के लोगों को उनका हक जरूर दिलायेंगे. इसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात करेंगे. दिल्ली में जिस प्रकार से 1731 बस्तियों को मालिकाना हक प्रदान किया गया है. उसी तर्ज पर 86 बस्तियों को भी मालिकाना हक मिलना चाहिए. मतदान के दौरान 86 बस्ती के लोगों ने उनका खुलकर समर्थन किया है, उन्हें जीत दिलायी है, इसलिए उनको मालिकाना हक जरूर दिलायेंगे.
हेमंत युवा हैं, उन्हें मेरी शुभकामनाएं
हेमंत सोरेन युवा है, शिक्षित है, मेरी शुभकामनाएं उनके साथ है. सरयू राय ने बताया कि उनकी इच्छा है कि हेमंत सोरेन एक मजबूत और स्थित सरकार बनाये और उसे बेहतर ढंग से चलाये. सरकार गठन के बाद बदले की भावना लेकर कोई भी काम नहीं करे. जनता की परेशानियों को ध्यान में रखे और उसे जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए कार्य करे.
विकास के काम के साथ साथ हेमंत सरकार जनता का विश्वास भी जीते. तभी जनता की कसौटी पर खरे उतरेंगे. वैसे हेमंत को मुझ पर बहुत भरोसा है. हेमंत से उनका पुराना संबंध भी रह चुका है. वह हेमंत को भी काफी अच्छे से जानते है. उन्हें उम्मीद है कि हेमंत सोरेन बिना किसी दूसरी पार्टी की मदद लिए मजबूत सरकार बनायेंगे और उसे बेहतर ढंग से चलायेंगे. फिर भी जहां उन्हें लगेगा कि सरकार कुछ गलत कर रही है तो जरूर आवाज उठायेंगे.

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