धनबाद /धनसार : कॉल सेंटर के नाम पर साइबर फ्राड का धंधा करने की सूचना झरिया पुलिस को पूर्व में दी गयी थी. इस बाबत झरिया पुलिस ने ऐना इस्लामपुर स्थित कॉल सेंटर पर रेड मारा था. पुलिस ने पुछताछ की तो उन्हें बताया कि वे लोग कॉल सेंटर चलाते हैं. यह उनका व्यवसाय है. वह किसी तरह की ठगी का काम नहीं कर रहे हैं.
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झरिया पुलिस कुछ दिन पूर्व मार चुकी थी रेड, पर मामला समझ नहीं आया
धनबाद /धनसार : कॉल सेंटर के नाम पर साइबर फ्राड का धंधा करने की सूचना झरिया पुलिस को पूर्व में दी गयी थी. इस बाबत झरिया पुलिस ने ऐना इस्लामपुर स्थित कॉल सेंटर पर रेड मारा था. पुलिस ने पुछताछ की तो उन्हें बताया कि वे लोग कॉल सेंटर चलाते हैं. यह उनका व्यवसाय है. […]
पुलिस को हकीकत पता नहीं चलने के कारण उन लोगों को छोड़ दिया. उसके बाद मामले की सूचना एसएसपी को दी गयी. जिसके बाद पुलिस ने छापामारी कर सभी लोगों को गिरफ्तार किया.
रात दो बजे मारा रेड, रांची की साइबर टीम भी थी साथ : तीन थाना बैंक मोड़, धनसार और झरिया पुलिस ने शुक्रवार की रात के दो बजे घटनास्थल पर रेड मारा. सिटी एसपी आर राम कुमार और साइबर डीएसपी सुमीत सौरभ लकड़ा भी साथ थे. धनबाद पुलिस ने रांची की साइबर टीम को मदद के लिए बुलाया था.
कंप्यूटर व उनके हाइटेक उपकरण की जांच की तो पता चला कि इनसे साइबर अपराध जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है. कई के पास पुलिस को इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड व डेबिट कार्ड भी मिले हैं. पूछताछ में इन लोगों ने गुनाह कबूल किया. पुलिस को कथित कॉल सेंटर से शराब की खाली बोतलें व गांजा भी मिला है.
कैसे बना गैंग, पुलिस जांच में जुटी: पुलिस उलझन में है कि गैंग कैसे बना? किन लोगों ने बनाया? बीपीओ के लड़कों को कौन साइबर फ्रॉड करने के लिए लाया? यह तय है कि इसका इंटरनेशनल कनेक्शन है? पर उसका संचालक कौन है? ऐसे बहुत से सवालों के जवाब अभी तक पुलिस के पास नहीं हैं.
पुलिस जिसे मास्टरमाइंड मान रही है, क्या वह सच में है, पुलिस के पास इसके सबूत नहीं हैं. पुलिस के अनुसार ये लोग अमेरिकी लोगों को ठग रहे थे. यह ठगी बहुत बड़े पैमाने पर हो रही थी. इसके अलावा पुलिस सभी आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी खंगालने में जुटी है. पुलिस को शक है कि इनमें से कई लोगों पर पहले भी साइबर अपराध के मामले दर्ज हुए होंगे.
ज्वाला है कंप्यूटर एक्सपर्ट : पुलिस के अनुसार झरिया का ज्वाला कंप्यूटर एक्सपर्ट है. सॉफ्टवेयर के मामले में वह काफी आगे है. हाइटेक सिस्टम का इस्तेमाल वह काफी दिनों से करता आ रहा है. वह डार्क नेट व डार्क वेब का इस्तेमाल करना भी जानता है. ऐसा नेट अकसर कंप्यूटर हैकर इस्तेमाल करते हैं. हालांकि पुलिस पूरे मामले को अभी खंगाल रही है.
बाहर से खंडहर, अंदर सारी सुविधा
ऐना इस्लामपुर के गैराज में साइबर अपराधियों ने अपना ऑफिस बना कर रखा था. जियांट इमु नेटवर्क और आउटलेंडिस प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर यह लोग दो फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे. इसका पता इन लोगों ने बैंक मोड़ दे रखा था. मगर यह सब झरिया के ऐना इस्लामपुर से संचालित हो रहा था.
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