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सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड : कोर्ट से छह आरोपी बरी, कातिल कोई नहीं?
राजधानी के बहुचर्चित ऑक्सफोर्ड स्कूल की वार्डन सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड में शुक्रवार को मुख्य आरोपी पांकी विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी शशिभूषण प्रसाद मेहता सहित मामले के सभी छह आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट से बरी कर दिया गया. अब पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहा है. पिछले सात साल में […]
राजधानी के बहुचर्चित ऑक्सफोर्ड स्कूल की वार्डन सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड में शुक्रवार को मुख्य आरोपी पांकी विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी शशिभूषण प्रसाद मेहता सहित मामले के सभी छह आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट से बरी कर दिया गया. अब पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहा है. पिछले सात साल में पुलिस न तो कातिल तक पहुंच पायी और न ही जिन्हें आरोपी बनाया उनके विरुद्ध ठोस साक्ष्य जुटा पायी. इस मामले में पुलिस ने जिस तरीके से काम किया है उससे सिर्फ यही बात कही जा सकती है कि सुचित्रा मिश्रा की हत्या तो हुई, पर उसका कातिल कोई नहीं…?
राज्य पुलिस की कार्यक्षमता ऐसी घटनाओं से अक्सर कटघरे में खड़ी दिखती है. दूसरी तरफ बीटके छात्रा से दुष्कर्म और हत्या के मामले में सीबीआइ आरोपी को सजा दिलाने में कामयाब रही.
यह एक ब्लाइंड केस था, पर सक्षम एजेंसी ने सही दिशा में जांच कर मामले का न सिर्फ खुलासा किया, बल्कि दोषी को सजा भी दिलायी. देश में शुक्रवार को ही दो और बड़े फैसले आये. उन्नाव दुष्कर्म मामले में भी सीबीआइ दोषी को सजा दिलाने में कामयाब रही. वर्ष 2008 में जयपुर में हुए बम ब्लास्ट के मामले में भी कोर्ट ने चार आरोपियों को फांसी की सजा सुनायी है.
रांची : राजधानी के बहुचर्चित ऑक्सफोर्ड स्कूल की वार्डन सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड में शुक्रवार को कोर्ट ने सभी छह आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया.
अपर न्यायायुक्त विजय श्रीवास्तव की अदालत ने कोर्ट में मौजूद आरोपियों शशि भूषण प्रसाद मेहता के अलावा संदीप पासवान, राजनाथ सिंह, धर्मेंद्र कुमार ठाकुर, सत्य प्रकाश उर्फ छोटू को बरी कर दिया. एक अन्य आरोपी अनुज कुमार सिंह को पलामू जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश किया गया. उसे भी कोर्ट ने हत्याकांड में बरी कर दिया. फिलवक्त वह किसी अन्य मामले में पलामू जेल में बंद है.
बता दें कि सुचित्रा मिश्रा की 11 मई 2012 की शाम हत्या कर उसके शव को धुर्वा थाना क्षेत्र के डैम साइड में फेंक दिया गया था. मृतका के भाई गोविंद पांडेय के बयान पर अनीश कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. बाद में पुलिस की जांच आगे बढ़ी, तो अनीश निर्दोष पाया गया.
मामले में पुलिस ने जांच के बाद ऑक्सफोर्ड स्कूल के निदेशक शशिभूषण मेहता सहित सात आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में पहली बार 17 अगस्त 2012 को और दूसरी बार 30 अप्रैल 2015 को चार्जशीट दाखिल किया था. मामले में 20 मार्च 2013 को पहली बार और 10 फरवरी 2014 को दूसरी बार चार्जफ्रेम किया गया था. 26 जून 2014 को आरोपियों का बयान कोर्ट में दर्ज कराया गया था.
सात साल बाद भी न्याय नहीं मिला :
कोर्ट पहुंचे मृत सुचित्रा मिश्रा के बेटे आशुतोष मिश्रा ने कहा कि सात साल बाद भी उन्हें और उनके परिवार को न्याय नहीं मिला. उन्होंने कहा कि वे मामले में अपने अधिवक्ता से राय लेंगे. इसके बाद कुछ निर्णय लेंगे.
सुचित्रा माफ करना, तुम्हारे हत्यारे नहीं पकड़े गये
सात साल में ठोस साक्ष्य नहीं जुटा पायी पुलिस
ऑक्सफोर्ड स्कूल की वार्डन थी सुचित्रा मिश्रा
11 मई 2012 को हुई थी हत्या, धुर्वा डैम साइड में मिला था शव
मृतका के भाई ने अनीश कुमार के खिलाफ दर्ज करायी थी प्राथमिकी
जांच आगे बढ़ने पर निर्दोष पाया गया था अनीश
पुलिस ने जांच के बाद ऑक्सफोर्ड स्कूल के निदेशक शशिभूषण मेहता सहित छह को बनाया था हत्याकांड का आरोपी
पुलिस पर इसलिए उठ रहे सवाल
घटना में उपयोग की गयी कार से बाल मिले थे, लेकिन उसका डीएनए टेस्ट नहीं कराया गया.
किसी भी आरोपी का बयान 164 के तहत नहीं कराया गया. पुलिस घटना को लेकर किसी चश्मदीद गवाह को सामने नहीं ला पायी.
वारदात के लिए इस्तेमाल की गयी जिस कार को पुलिस ने बरामद किया था, उसकी एमवीआइ जांच नहीं करायी गयी.
जहां सुचित्रा का शव मिला था, पुलिस ने उसी को घटनास्थल माना, पर वहां खून नहीं था.
शव के पास से जो सामान बरामद हुए थे, पुलिस ने उसका टीआइपी नहीं कराया.
मृतका का किसी गमछे से गला घोंटा गया, फिर उसे गाड़ी से रौंदा गया. लेकिन न तो पुलिस ने गमछा बरामद किया और न ही घटना में प्रयुक्त वाहन के टायर की जांच करायी.
बरी िकये गये शशिभूषण पांकी से भाजपा प्रत्याशी
शशिभूषण ने स्वीकारी थी हत्या कराने की बात
सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड मामले में केस डायरी में ऑक्सफोर्ड स्कूल के निदेशक शशिभूषण मेहता का बयान पुलिस ने लिखा था. मेहता ने कहा था-वार्डन सुचित्रा मिश्रा को दोनों बेटों के साथ धुर्वा शहीद मैदान में अजंता सर्कस देखने के लिए पास देकर 11 मई 2012 को भेजा था. सर्कस देखने के बाद सुचित्रा ने स्कूल की गाड़ी से बच्चों को हॉस्टल भेज दिया. इसके बाद मेरा चालक अखिलेश कार लेकर सर्कस के पास गया. मैंने सुचित्रा को फोन कर मेरी कार से आने को कहा.
वह मेरे झांसे में आ गयी. कार में सुचित्रा को बैठाकर ड्राइवर धुर्वा की ओर आ गया. उस वक्त मैं अपनी सफारी गाड़ी में था. योजना के अनुसार अनुज सिंह अपने साथियों के साथ रास्ते में उस कार में बैठ गया. कार में ही सुचित्रा की गला दबाकर उन लोगों ने हत्या कर दी. करीब एक घंटे तक कार में ही उसे धुर्वा इलाके में घुमाते रहे. इसके बाद अनुज व उसके साथियों ने सुचित्रा के शव को उसके धुर्वा स्थित घर जानेवाले रास्ते में फेंक दिया.
कोर्ट ने इन्हें बरी किया
शशि भूषण प्रसाद मेहता (पांकी विस सीट से भाजपा के प्रत्याशी), संदीप पासवान, राजनाथ सिंह, धर्मेंद्र कुमार ठाकुर, सत्य प्रकाश उर्फ छोटू और अनुज कुमार सिंह (एक अन्य मामले में पलामू जेल में बंद). इनमें शशिभूषण हेहल (रांची) में रहते हैं. अन्य पलामू जिले के रहनेवाले हैं.
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