नयी दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने बाबा रामदेव के नेतृत्व वाले पतंजलि आयुर्वेद को कर्ज बोझ तले दबी खाद्य तेल कंपनी रुचि सोया का 4,350 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने का सौदा पूरा करने के लिए एक सप्ताह का समय और दे दिया है. न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एनसीएलएटी की तीन सदस्यीय पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद की अर्जी पर सौदे को पूरा करने की समयसीमा मंगलवार को 23 दिसंबर तक बढ़ा दी. इससे पहले अपीलीय न्यायाधिकरण ने समयसीमा को बढ़ा कर 16 दिसंबर तक किया था.
पतंजलि आयुर्वेद को शुरू में इस अधिग्रहण को पूरा करने के लिए 21 नवंबर तक का समय दिया गया था. अपीलीय न्यायाधिकरण ने इस मामले में यह भी छूट दी है कि यदि तय समयसीमा के भीतर पतंजलि आयुर्वेद रुचि सोया के सौदे का भुगतान करने में नाकाम रहती है, तो ऋणदाता वापस न्यायाधिकरण के पास जा सकते हैं. पतंजलि आयुर्वेद के वकील एएस चांडिओक ने कहा कि भुगतान के लिये एक सप्ताह का समय और मिलने से कंपनी को अपने योजना को अमलीजामा पहनाने में मदद मिलेगी. कंपनी ऋदाताओं के साथ समझौते पर हस्ताक्षर पहले ही कर चुकी है.
रुची सोया को कर्ज देने वाली संस्थाओं की समिति ने इससे पहले 30 अप्रैल को पतंजलि समूह की रुचि सोया को 4,350 करोड़ रुपये में अधिग्रहीत करने की योजना को स्वीकार किया था. इस समाधान योजना में ऋणदाताओं को अपने कुल बकाये की 60 फीसदी राशि छोड़नी पड़ रही है.
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