नयी दिल्ली : बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डी के जैन ने कपिल देव और अंशुमान गायकवाड़ को हितो के टकराव के आरोप में मुंबई में उनके समक्ष पेश होने को कहा है हालांकि ये दोनों खिलाड़ी क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) से पहले ही इस्तीफा दे चुके है.
सीएसी में कपिल और गायकवाड़ के अलावा महिला टीम की पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी शामिल थी जिन्होंने सितंबर में जैन से हितों के टकराव का नोटिस मिलने पर इस्तीफा दे दिया था. यह नोटिस मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता की शिकायत पर जारी किया गया था। सीएसी का अब कोई अस्तित्व नहीं है, लेकिन इन दोनों पूर्व खिलाड़ियों को 27 और 28 दिसंबर को जैन के सामने पेश होने का नेाटिस मिला है.
बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया, उन्होंने हालांकि इस्तीफा दे दिया है, लेकिन आचरण अधिकारी ने उनसे कुछ स्पष्टीकरण मांगी है. गायकवाड़ से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह इसमें शामिल होने के लिए मुंबई जाएंगे.
उन्होंने कहा, हां, मैं आचरण अधिकारी से मिलूंगा और अपनी बात को एक बार फिर से समझाऊंगा, जैसे कि मैंने अपने लिखित जवाब में पहले ही साफ कर दिया था. प्रशासकों की समिति ने हितों की टकराव का कोई मामला नहीं होने के कारण ही हमारी नियुक्ति (सीएसी में) की मंजूरी दी थी.
बीसीसीआई कर्मचारी मयंक पारिख भी हितों के टकराव का सामना कर रहे है और उन्हें भी 27 दिसंबर को सीएसी के सामने पेश होने को कहा गया है. बीसीसीआई में प्रबंधन टीम में शामिल पारिख मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) में मतदान अधिकार रखने के साथ कई क्लबों से भी जुड़े हुए है.
कपिल देव की अगुवाई वाली सीएसी ने पुरुष और महिला टीमों के राष्ट्रीय कोच चयन किया था. इस विश्व विजेता कप्तान ने कहा था कि सीएसी का हिस्सा होना मानद काम है और हितो का टकराव वैसे लोगों पर नहीं लागू होना चाहिए जिन्हें उनकी सेवा के लिए कोई भुगतान नहीं किया जाता.
गुप्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि सीएसी सदस्य एक साथ कई भूमिकाएं निभा रहे हैं. गुप्ता के मुताबिक 1983 की विश्व चैंपियन टीम के कप्तान कपिल सीएसी के अलावा कमेंटेटर, एक फ्लडलाइट कंपनी के मालिक और भारतीय क्रिकेटर्स संघ के सदस्य हैं. इसी तरह से गुप्ता ने आरोप लगाया कि गायकवाड़ भी एक अकादमी के मालिक हैं और बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त समिति के सदस्य हैं.