बरौली : बरौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार की सुबह सामान्य प्रसव होने के बाद इलाज में लापरवाही से प्रसूता की मौत हो गयी. मृतका सिधवलिया थाना क्षेत्र के शेर दक्षिण टोला निवासी कमलेश यादव की पत्नी मीरा देवी (21 वर्ष) थी. मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया.
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सामान्य प्रसव के बाद लापरवाही से गयी प्रसूता की जान, कोहराम
बरौली : बरौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार की सुबह सामान्य प्रसव होने के बाद इलाज में लापरवाही से प्रसूता की मौत हो गयी. मृतका सिधवलिया थाना क्षेत्र के शेर दक्षिण टोला निवासी कमलेश यादव की पत्नी मीरा देवी (21 वर्ष) थी. मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया. परिजनों का […]
परिजनों का आरोप था कि बरौली पीएचसी में मौत होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने अपनी लापरवाही छिपाने के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया. हालांकि, इस मामले में सिविल सर्जन डॉ नंदकिशोर सिंह ने गंभीरता से लिया है और जांच करने के लिए टीम गठित करने की बात कही है.
मृतका के पति कमलेश यादव का आरोप है कि मीरा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर पीएचसी में भर्ती कराया गया. सुबह सात बजे सामान्य प्रसव हुआ. बच्ची होने के बाद प्रसूता को अधिक रक्तस्राव होने लगा और स्थिति लगातार बिगड़ने लगी. अस्पताल के डॉक्टरों ने सही तरीके से इलाज नहीं किया, जिससे महिला की मौत हो गयी. एंबुलेंस से आनन-फानन में महिला को सदर अस्पताल भेजा गया.
परिजनों की ओर से इस मामले में दोषी के विरुद्ध कार्रवाई के लिए सिविल सर्जन को लिखित शिकायत देने की बात कही गयी है. पीएचसी में मौत होने के बाद जांच हो गयी. सीएस के निर्देश पर पोस्टमार्टम के लिए बोर्ड गठित किया गया. दो डॉक्टरों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया. डॉ कौसर जावेद व डॉ एके चौधरी की रिपोर्ट के बाद विभागीय स्तर पर आगे की कार्रवाई होगी.
परिजनों का आरोप, अधिक रक्तस्राव से हुई मौत, फिर िकया गया रेफर
केस
बीते तीन अगस्त को थाना क्षेत्र के कोटवा गांव के जलालुद्दीन की पत्नी चांद तारा खातून का सामान्य प्रसव हुआ. प्रसव के बाद नवजात की स्थिति बिगड़ने लगी. बाद में एएनएम ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया. ड्यूटी पर तैनात डॉ देवकांत को इसकी सूचना तक नहीं थी. रास्ते में नवजात की मौत हो गयी. परिजनों ने शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई.
केस
बरौली के सोनबरसा के नागेंद्र महतो की पत्नी सुनीता देवी को प्रसव पीड़ा होने पर 30 जुलाई को भर्ती कराया गया. एएनएम ने इलाज किया. हालत बिगड़ने पर सदर अस्पताल रेफर कर दिया, जहां जच्चे-बच्चे दोनों की मौत हो गयी. डॉक्टरों ने मौत का कारण खून की कमी बताया, लेकिन परिजनों को इसकी जानकारी नहीं दी गयी. खून के कमी होने की जानकारी हो जाती, तो जान बचायी जा सकती थी
केस
बरौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में छह अगस्त को स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही से नवजात की मौत हो गयी. मौत से नाराज परिजनों ने हंगामा करते हुए स्वास्थ्यकर्मियों के साथ झड़प की थी.
पीड़ित खजुरिया गांव के शत्रुघ्न कुमार की पत्नी संगीता देवी ने शिकायत की. अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
बरौली पीएचसी में पहले भी जा चुकी है जान
बरौली. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरौली में मरीज की मौत का यह पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी नवजात और प्रसूता की जान जा चुकी है. डॉक्टर और एएनएम के बीच आपसी समन्वय नहीं होने का खामियाजा मरीजों को भुगतनी पड़ी रही है. बीते पांच माह में प्रसूता समेत चार नवजात की मौत अस्पतालकर्मियों की लापरवाही से हो चुकी है.
क्या कहते हैं सीएस
मामला गंभीर है. जांच करायी जायेगी. शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए बोर्ड गठित किया गया है. पीएचसी प्रभारी से भी रिपोर्ट मांगा जा रहा है.
डॉ नंदकिशोर सिंह, सीएस, गोपालगंज
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