नयी दिल्लीःसंसद के शीतकालीन सत्र के लिए आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है. गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक चर्चा के लिए राज्यसभा में पेश किया.उन्होंने कहा, भारत के मुसलमान देश के नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे. पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान वाले इस विधेयक को पेश करते हुए उच्च सदन में गृह मंत्री ने कहा कि इन तीनों देशों में अल्पसंख्यकों के पास समान अधिकार नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि इन देशों में अल्पसंख्यकों की आबादी कम से कम 20 फीसदी कम हुई है. शाह ने कहा कि इन प्रवासियों के पास रोजगार और शिक्षा के अधिकार नहीं थे. गृह मंत्री ने इस विधेयक के पीछे वोटबैंक की राजनीति के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस संबंध में घोषणा की थी.
राज्यसभा में कुल 245 सांसद होते हैं, लेकिन मौजूदा संख्या 240 है. ऐसे में बिल को पास कराने के लिए सरकार को 121 सांसदों का समर्थन चाहिए. भाजपा के पास कुल 83 सदस्य हैं. उसे 38 अन्य सांसदों का समर्थन चाहिए. पढ़ें लाइव अपडेट्स
* नागरिकता संशोधन बिल को सिलेक्ट कमिटी में भेजने का विपक्ष का प्रस्ताव गिरा. पक्ष में 99 और विपक्ष में 124 वोट पड़े.
* राज्य सभा में विपक्ष के सवालों के जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, शिवसेना ने लोकसभा में नागरिकता विधेयक का समर्थन किया, रातोंरात ऐसा क्या हो गया कि वे अब इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, यह विधेयक नागरिकता प्रदान करने के लिए है, किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं.
असम में नागरिकता बिल के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारियों ने राजधानी दिसपुर में जनता भवन के पास बस में आग लगा दी. गौरतलब हो विधेयक के खिलाफ असम में व्यापक विरोध प्रदर्शन के दौरान बुधवार को राज्य सचिवालय के निकट छात्रों के एक बड़े समूह और पुलिस के बीच झड़प हो गयी.
* नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच ऐहतियातन सेना की दो टुकड़ियों को त्रिपुरा में तैनात किया गया है जबकि सेना की दो अन्य टुकड़ियों को असम में स्टैंडबाय पर रखा गया है.
* राज्यसभा में AAP सांसद संजय सिंह ने नागरिकता पर संशोधन बिल के बारे में कहा, मैं इस विधेयक का विरोध कर रहा हूं क्योंकि यह बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान के खिलाफ है. यह संविधान की प्रस्तावना के खिलाफ है. यह महात्मा गांधी और भगत सिंह के सपनों के भारत के खिलाफ है.
* शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) पर उच्च सदन में लोकसभा से भिन्न स्थिति होने का हवाला देते हुये बुधवार को कहा कि सरकार को इस विधेयक पर उनकी पार्टी से समर्थन की अपेक्षा करने से पहले उनके सवालों का जवाब देना होगा.
यह विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पेश होने वाला है. शिवसेना ने लोकसभा में इस विधेयक का समर्थन किया था. राउत ने कहा, लोकसभा में आंकड़े अलग हैं और राज्यसभा में स्थिति भिन्न है.
सरकार को हमारे सवालों का जवाब देना होगा. वोटबैंक की राजनीति सही नहीं है. आप एक बार फिर हिंदू-मुस्लिम विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, हमें कोई राष्ट्रवाद न सिखाये. जिस स्कूल में आप पढ़ रहे हैं हम उसके हेडमास्टर हैं. हमारे स्कूल के बाला साहेब ठाकरे हैं, अटल जी भी हैं, श्यामा प्रसाद मुखर्जी हैं.
इस बिल का विरोध धार्मिक आधार पर नहीं मानवता के आधार पर होना चाहिए. लाखों-करोड़ों लोग को आप ला रहे हैं तो क्या उनको वोटिंग राइट दे रहे हैं.
* कपिल सिब्बल ने शाह के उस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें कहा था कि सीएबी की जरूरत नहीं होती अगर कांग्रेस ने धर्म के आधार पर विभाजन की अनुमति नहीं दी होती. सिब्बल ने कहा, मुझे समझ नहीं आता कि गृह मंत्री ने कौन सी इतिहास की किताबें पढ़ी हैं. दो-राष्ट्र सिद्धांत हमारा सिद्धांत नहीं है. यह सावरकर द्वारा बनाई गई थी.
* आरजेडी के सांसद मनोज झा ने बिल कर विरोध करते हुए कहा, हम सैद्धांतिक, ऐतिहासिक और व्यवहारिक तौर पर इस बिल के विरोध में हैं
* बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्र ने कहा, मुसलमानों को इस बिल में जगह नहीं देना संविधान के खिलाफ है, यह आर्टिकल 14 का उल्लंघन है. यह कानून फेल है.
– चिदंबरम ने सवाल उठाया- आपने कैसे यह तय किया कि केवल तीन पड़ोसी देशों के ही नागरिक इसमें शामिल होंगे? दूसरे पड़ोसियों को शामिल किया गया है. केवल छह धर्मों को इसमें शामिल क्यों किया गया? अहमदिया, हजारा, रोहिंग्या आदि को क्यों छोड़ा गया है. यहूदी, मुसलमानों, श्रीलंकाई हिंदू और भूटानी क्रिश्चियन आदि को क्यों शामिल नहीं किया गया? केवल धर्म के आधार पर प्रताड़ित लोगों को ही क्यों शामिल किया गया. राजनीतिक समेत अन्य वजहों से प्रताड़ित लोगों को क्यों शामिल नहीं किया गया.
P Chidambaram, Congress in Rajya Sabha: This government is ramming through this Bill to advance its Hindutva agenda. This is a sad day. I am absolutely clear that this law will be struck off. #CitizenshipAmmendmentBill2019 pic.twitter.com/5EBQPBw9bF
— ANI (@ANI) December 11, 2019
Biswajit Daimary, Bodoland People's Front, Assam in Rajya Sabha: We support the #CitizenshipAmmendmentBill2019. pic.twitter.com/hwgcxBDVie
— ANI (@ANI) December 11, 2019
RCP Singh,JDU in Rajya Sabha: We support this bill.The bill is very clear, it gives citizenship to persecuted minorities from three of our neigbouring countries, but here debate is being done on our Indian Muslim brothers. #CitizenshipAmendmentBill pic.twitter.com/rQ29Na3oil
— ANI (@ANI) December 11, 2019
Javed Ali Khan,Samajwadi Party in Rajya Sabha: Our Govt through this #CitizenshipAmendmentBill and #NRC is trying to fulfill the dream of Jinnah. Remember, in 1949 Sardar Patel had said 'we are laying the foundation of a truly secular democracy in India' pic.twitter.com/BGl3cP139E
— ANI (@ANI) December 11, 2019
-शर्मा ने कहा कि यह बिल संविधान की मूल भावना पर हमला करने की तरह है. यह लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है. बिल विभाजनकारी बिल है जिसकी वजह से मैं इसका विरोध करता हूं. इतिहास को बदलने का काम नहीं किया जा सकता है. कई लोगों ने प्रयास किया, लेकिन वे बदल नहीं पाए. कभी न कभी जब परिवर्तन होते हैं, तो सच्चाई और इतिहास प्रचंड रूप में खुद को प्रकट करता है. टू नेशन थिअरी जो बंटवारे की है, वह कांग्रेस नहीं लाई, वह 1937 में अहमदाबाद में हिंदू महासभा ने प्रस्ताव पारित किया था. उसकी अध्यक्षता सावरकर जी ने की थी. उसके एक साल बाद 1938 में मुस्लिम लीग का अधिवेशन हुआ, इसमें पार्टिशन ऑफ इंडिया प्रस्ताव पेश किया गया.
-आनंद शर्मा ने कहा कि 2016 में भी यह बिल लाया गया था, उस बिल में और इसमें अंतर है. बिल के बदलावों की स्क्रूटनी होना जरूरी है. इस बिल को पहले दिखाना चाहिए था, संसद की कमिटी के पास भेजा जाता.
–सदन में कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि हम इस बिल का विरोध करते हैं. विरोध का कारण राजनीतिक नहीं बल्कि संवैधानिक है. सरकार बिल पर जल्दबाजी क्यों कर रही है ?उन्होंने कहा कि ये नागरिकता बिल भेदभाव पैदा करता है. ये बिल संविधान की नींव पर हमला है. नागरिकता का मतलब भूगोल से नहीं है. विभाजन की पीड़ा सबको है.
HM Amit Shah: Misinformation has been spread that this bill is against Muslims of India. I want to ask the people saying this that how is this bill related to Indian Muslims? They are Indian citizens and will always remain,no discrimination against them. pic.twitter.com/4W3csp1AsX
— ANI (@ANI) December 11, 2019
Union Minister Prahlad Joshi after BJP parliamentary party meeting: PM Modi asked all MPs to take suggestions of farmers, traders and businessmen in their respective constituencies and give that feedback to Finance Minister. pic.twitter.com/qPqFzcmgjQ
— ANI (@ANI) December 11, 2019
Among the Opposition leaders who will speak during #CitizenshipAmendmentBill debate in Rajya Sabha, are Kapil Sibal from Congress,Derek O'Brien from Trinamool Congress and Ramgopal Yadav from Samajwadi Party pic.twitter.com/9Uxlx7MuZc
— ANI (@ANI) December 11, 2019
Delhi: Bharatiya Janata Party Parliamentary party meeting underway at Parliament library. #WinterSession pic.twitter.com/Xvi5WXsyHr
— ANI (@ANI) December 11, 2019