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पटना : रेलवे ने की अपील फर्जी नौकरी देने वालों से रहें सावधान
पटना : रेलवे में मेरिट के आधार पर अधिकारियों व कर्मचारियों की बहाली होती है. लेकिन, हाल के दिनों में रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी का खेल शुरू हो गया है. इस खेल में आम लोगों के साथ-साथ उम्मीदवार नहीं फंसे, इसको लेकर रेलवे की ओर से एडवाइजरी जारी करते हुए अभ्यर्थियों […]
पटना : रेलवे में मेरिट के आधार पर अधिकारियों व कर्मचारियों की बहाली होती है. लेकिन, हाल के दिनों में रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी का खेल शुरू हो गया है. इस खेल में आम लोगों के साथ-साथ उम्मीदवार नहीं फंसे, इसको लेकर रेलवे की ओर से एडवाइजरी जारी करते हुए अभ्यर्थियों को सावधान किया गया है.
रेलवे ने कहा है कि रेलवे में विवेकाधीन कोटा के आधार पर बहाली नहीं होती है. रेलवे में तीन स्तरों पर बहाली की प्रक्रिया पूरी की जाती है. इसमें रेलवे रिक्रूटमेंट सेल, रेलवे भर्ती बोर्ड और यूपीएससी है, जिसके माध्यम से खुली प्रतियोगिता आयोजित की जाती है. इस प्रतियोगिता में मेरिट के आधार पर उम्मीदवारों का चयन कर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाती है. पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि रेलवे में विवेकाधीन कोटा के आधार पर नौकरी देने का झांसा दिया जाता है, जिसमें आम लोग फंस जाते है. इससे बचने के लिए रेलवे की ओर से समय-समय पर लोगों को जागरूक किया जाता है, ताकि फर्जी नौकरी देने वाले गिरोह से बच सकें.
तीन वर्षों में 10% भी नहीं हुआ स्मार्ट सिटी का काम
213 करोड़ का टेंडर
जानकारी के अनुसार बीते वर्ष दो नवंबर को कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का टेंडर फाइनल हो गया था. ट्रिपल सी का टेंडर इंडियन टेलीफोन इंड्रस्ट्रीज लिमिटेड को मिला था. इस कंपनी को 202 करोड़ में काम करना था. बाद में इस बात पर सवाल उठा था कि ट्रिपल सी के लिए 130 करोड़ राशि तय की गयी थी, तो उसे बढ़ा कर 202 करोड़ कैसे किया गया. इस पर स्मार्ट सिटी के एमडी व चेयरमैन के बीच विवाद भी हुआ. आखिरकार उस टेंडर को रद्द कर अब उसी ट्रिपल सी का टेंडर अब 213 करोड़ का किया गया है.
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