पति टीबी से ग्रसित, पत्नी मजदूरी कर चला रही परिवार
नागराकाटा प्रखंड अधिकारी ने दिया मदद का आश्वासन
नागराकाटा : सरकार निर्धन परिवारों के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं लागू करती है और उसे प्रत्येक श्रमिक परिवार तक पहुंचाने का वादा भी करती है. सरकार की ओर से दिया गया सुख-सुविधा आज तक गरीब परिवारों तक नहीं पहुंच पाया है. ऐसा ही एक घटना ने साबित कर दिया है कि सरकार द्वारा गरीब परिवारों के लिए बनाया गया योजना अभी तक गरीबों को नहीं मिल पाया है.
हम बात कर रहे हैं नागराकाटा ब्लॉक स्थित ग्रासमोड़ चाय बागान की एक आदिवासी परिवार की. यह मामला चाय बागान चार नंबर लाइन के बीमार अस्वस्थ व्यक्ति का है. यह व्यक्ति काफी महीनों से टीवी बीमारी से पीड़ित है. परिवार की आर्थिक अवस्था काफी कमजोर होने के कारण बीमार व्यक्ति की पत्नी इलाज नहीं कर पा रही है.
सरकार गरीबों के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं बनाते हुए गीतांजलि, इंदिरा आवास योजना के तहत कार्य एवं सुख सुविधा प्रदान करती है. लेकिन परिवार को अभी तक सरकारी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाया है. बीमार और आर्थिक अवस्था से कमजोर आदिवासी परिवार ने सहयोग का आह्वान किया है. बीमार व्यक्ति की पत्नी ने प्रभात खबर संवाददाता से बातचीत में कहा कि घर में पति, सास, एक नौं साल का लड़का व एक आठ साल की लड़की है. घर में मैं अकेली कमानेवाली हूं.
मेरी कमाई से घर खर्च चलता है. पति के बीमार रहने के कारण इलाज के लिए काफी पैसा खर्च हो चुका है. दवा तो नि:शुल्क मिलता है. लेकिन पति की शारीरिक लाचारी रहने के कारण उन्हें सुलकापाड़ा ग्रामीण अस्पताल वाहन से ले जाना पड़ता है. जिसके लिए हमारे पास पैसा नहीं है.
रहने के लिए एक घर भी नसीब नहीं हो पाया है. सरकार से गरीब परिवार को घर मिलने की बात सुनी है, लेकिन आज तक हमें एक भी घर या सरकारी सुविधा नहीं मिल सका है. घर की आर्थिक अवस्था कमजोर रहने के कारण पति का इलाज नहीं कर पाती हूं.
नागराकाटा प्रखंड विकास अधिकारी स्मृता सुब्बा ने कहा कि बड़ी दुख की बात है. परिवार के साथ प्रशासन हमेशा खड़ा है. छानबीन कर बीमार व्यक्ति और परिवार को सहयोग पहुंचाने की बात कही.