गोपालगंज : ‘जल-जीवन-हरियाली’ यात्रा पर निकले मुख्यमंत्री पहले चरण के आखिरी दिन आज शुक्रवार को गोपालगंज पहुंचे. यहां मुख्यमंत्री ने 200 करोड़ की लागत से 105 विकासात्मक योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया. इस मौके पर बच्चों द्वारा ‘जल-जीवन-हरियाली’ जागरूकता अभियान को लेकर बनायी गयी रंगोली को देखा. साथ ही गोपालगंज के बरौली में विकास कार्यों का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण भी किया. समाज में लड़कियों और महिलाओं के प्रति बढ़ रही हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया के लाभ भी हैं, तो नुकसान भी. सोशल मीडिया का कुछ लोग दुरुपयोग करते हैं. हमलोग केंद्र को लिखेंगे कि पॉर्न साइट्स पर रोक लगे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमने न्याय के साथ विकास किया है. हर क्षेत्र में विकास किया. महिलाओं के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं. कोई इलाका में विकास अछूता नहीं है. जब मौका मिला, तो बिहार का बजट कम था, अब ज्यादा है. अब बिहार का बजट दो लाख करोड़ से ज्यादा है. शिक्षा के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क से लेकर शिक्षा क्षेत्र तक काम किया. हमने बालिका साइकिल योजना की शुरुआत की. इससे लड़कियों का आत्मविश्वास बढ़ा. अशिक्षा के कारण बिहार में प्रजनन दर ज्यादा थी. लड़कियों की शिक्षा 12वीं तक देने का फैसला किया. लड़कियां 12वीं तक पढ़ने लगेंगी, तो प्रजनन दर में कमी आयेगी. महिलाओं की मांग पर बिहार में शराबबंदी की. शराबबंदी के बाद स्थिति में सुधार आया. बाल-विवाह के कारण शिशु मृत्यु दर अधिक थी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोड मैप के माध्यम से हमने कृषि क्षेत्र में विकास किया. हमने हर घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य तय किया. समय से पहले घरों में बिजली पहुंचायी. हर घर नल का जल देने का निश्चय किया. नली-गली पक्की करने पर भी काम जारी है. पर्यावरण को लेकर भी हम काम कर रहे हैं. पहले औसत वर्षा 1200-1500 मिली होती थी. पिछले 13 वर्षों में औसत वर्षा 901 मिली हुई है. साल 2018 में 234 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित किये गये थे. जुलाई में हमने पर्यावरण पर बैठक की और जल-जीवन-हरियाली का फैसला लिया. जल और हरियाली है, तभी जीवन सुरक्षित है. स्कूलों में लड़के और लड़कियों की संख्या बराबर है. दक्षिण बिहार में पहले भू-जल स्तर में कमी थी. इस बार उत्तर बिहार में भू-जल स्तर की कमी देखी गयी. दरभंगा में भी इस बार भू-जल स्तर में कमी आयी है. जल-जीवन-हरियाली में 11 बिंदुओं पर काम कर रहे हैं. दुनिया के कई जगहों पर भू-जल समाप्त हो गया है. हमें-जल संचय करने पर जोर देना है. भू-जल का सदुपयोग करने की जरूरत है. सार्वजनिक पानी के साधन को मरम्मत करायेंगे. पूरे बिहार में तालाब और पोखर का जीर्णोद्धार करायेंगे. नल का जल केवल पीने के लिए है. पानी के सोख्ता बनाना भी हमारे मिशन का अंग है. चेक डैम का निर्माण करना भी मिशन का हिस्सा है.
हरियाली को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधरोपण से 15 फीसदी बिहार का आवरण हरित हुआ है. बिहार में 2000 में महज नौ फीसदी हरित आवरण था. अगले तीन सालों में आठ करोड़ पौधा लगायेंगे. किसानों को फसल चक्र की जानकारी देंगे. मौसम के हिसाब से फसल चक्र अपनाने की जरूरत है. फसल अवशेष को खेतों में नहीं जलाएं. पंजाब और हरियाणा के हार्वेस्टर से समस्या उत्पन्न हो रही है. कटनी के यंत्र के लिए अनुदान देंगे. एससी-एसटी को 80 फीसदी तक अनुदान देने का काम हमलोग कर रहे हैं. हरियाली नहीं तो जीवन नहीं.
वहीं, उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा असली बिजली है. सौर ऊर्जा को बढ़ाने की जरूरत है. कोयला से बिजली का निर्माण हो रहा है. सौर ऊर्जा अक्षय ऊर्जा है. कोयला खत्म हो जाने से बिजली निर्माण में संकट उत्पन्न हो जायेगा. सोलर प्लेट लगाने से फायदा होगा. सौर ऊर्जा से निर्मित बिजली को हम खरीदेंगे. जल-जीवन-हरियाली पर 19 जनवरी 2020 को मानव शृंखला बनायेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया का लाभ भी है, तो नुकसान भी है. सोशल मीडिया का कुछ लोग दुरुपयोग करते हैं. हमलोग केंद्र को लिखेंगे कि पॉर्न साइट्स पर रोक लगे. सोशल साइट्स पर गंदी चीजों को रोकने के लिए भी लिखेंगे. शिक्षा के पांच प्वाइंट में गंदी चीजों से बचने की सलाह देंगे. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि छात्रों के 150 बेड और छात्राओं के 100 बेड हॉस्टल का शिलान्यास किया है. गोपालगंज में औसत आमदनी बेहतरीन है. गोपालगंज बिहार के सबसे विकसित जिलों में से एक है.