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तीन माह में दर्ज हुए बाईक चोरी के 37 मामले

मधुबनी : जिले में लगातार मोटरसाइकिल चोरी की घटना बढ़ती जा रही है. जिला मुख्यालय से ही तीन माह के मिले आंकड़े से यह बात साफ तौर पर दिख रहा है कि किस प्रकार बाईक चोर आसानी से बाईक चोरी की घटना को अंजाम दे रहे हैं. मोटर साईकल चोरी की घटना में भी पिछले […]

मधुबनी : जिले में लगातार मोटरसाइकिल चोरी की घटना बढ़ती जा रही है. जिला मुख्यालय से ही तीन माह के मिले आंकड़े से यह बात साफ तौर पर दिख रहा है कि किस प्रकार बाईक चोर आसानी से बाईक चोरी की घटना को अंजाम दे रहे हैं. मोटर साईकल चोरी की घटना में भी पिछले लगभग एक वर्ष से अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है.

कोर्ट कैंपस, थाना चौक, कॉलेज, भीङ भाड़ वाले बाजार जहां मोटर साइकिल पार्किंग होती है. वहां से मोटर साईकिल चोरी की घटनाएं आम थी, पर अब तो रिहायशी कॉलोनी के घरों के बाहर रखे बाइक की चोरी की घटना भी होनलगी है.

37 मोटर साइकिल की चोरी : नगर थाना से मिली जानकारी के अनुसार पिछले तीन माह में नगर थाना के विभिन्न क्षे़त्रों से 37 मोटर साइकिल की चोरी हुई है़ इन चोरी की घटनाओं में मोटर साइकिल चोर मास्टर की से बाइक का ताला खोलकर गाङी को चुराते हैं. ये घटनाएं दिन के उजाले में कोर्ट कैंपस, बैंक परिसर के बाहर, कॉलेज कैंपस, थाना चौक, बाटा चौक, पोस्ट ऑफिस रोड सहित विभिन्न कॉलोनियों से हुई है़

अपाचे पर अधिक है चोरों की नजर : जो बातें सामने आयी है उसमें यह बात भी गौर करने वाला है कि चोर की पहली पसंद अपाचे गाड़ी है. जिन 37 लोगों ने प्राथमिकी नगर थाना में दर्ज करायी है उसमे आधे से अधिक अपाचे बाइक की चोरी से जुड़ा है. बाकी प्राथमिकी अन्य बाइक चोरी का है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चोरी की बाइक को चोर गिरोह के सदस्य आसानी से नेपाल में खपा देते हैं. वहां पर इन बइईक को पांच हजार से लेकर 20 हजार तक में बेच दिया जाता है.

चोरी की 6 मोटर साईकिल बरामद करने व उसमें हुए गिरफ्तारी को लेकर अपराधियों ने खुलासा किया कि जयनगर, खजौली व नेपाली सीमा क्षेत्र में चोरी की मोटर साइकिल खरीदने का गिरोह है. जिसे डीलर कहा जाता है. वो उसे 5 हजार तक में चोरी की मोटर साइकिल खरीदता है और 10 से 20 हजार रुपये तक में गाड़ी को बेच देते हैं. जिसे नेपाल में खपा दिया जाता है.

सतर्कता है जरूरी

घटना बढ़ने की बात सही है. सतर्कता एवं जागरुकता जरूरी है. गाड़ी में अलग से सुरक्षित लॉक लगाने की व्यवस्था करने, जिसमें इलेक्ट्रानिक लॉक, चक्का लॉक लगाने सहित कई सुझाव दिये जा रहे हैं. पर इन बातों का अनुसरण नहीं हो पाता है. कहा है कि ऐसे मामलो में सबसे अधिक कारगर लोगों का खुद सतर्कता बरतना ही है.

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