<figure> <img alt="प्रकाश दास और नबीउल हसन" src="https://c.files.bbci.co.uk/9E81/production/_109977504_jio-1.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>मृतक प्रकाश दास और नबीउल हसन</figcaption> </figure><p>प्रकाश दास और नबीउल हसन, दोनों की मौत की कहानियों में एक फ़ोन कॉल का ज़िक्र आता है, एक संदेहास्पद फ़ोन कॉल का.</p><p>प्रकाश की बीवी झिनुक मालादास पति को फ़ोन पर पेमेंट दिए जाने का वायदा कर बुलाए जाने और फिर उनकी मौत की ख़बर की बात कहती हैं. </p><p>तो नबीउल हसन की मां आसिया बीबी कहती हैं, "एक आदमी ने फ़ोन करके बुलाया कि कहीं जाना है फिर मेरा बेटा मारा गया."</p><p>(नबीउल हसन का नाम ज़्यादातर जगहों पर रबीउल इस्लाम लिखा गया है, लेकिन परिवार का कहना है कि उनका नाम नबीउल था)</p><p>प्रकाश और हसन को गाय चोरी के इलज़ाम में पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में पीट-पीटकर मार डाला गया था और उनकी गाड़ी फूंक दी गई थी.</p><figure> <img alt="वो जगह जहां गाड़ी जलाई गई" src="https://c.files.bbci.co.uk/ECA1/production/_109977506_3.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>वो जगह जहां मृतक नबीउल हसन की गाड़ी जलाई गई</figcaption> </figure><h3>गाड़ी कहीं और जलाई गई</h3><p>गाड़ी को तहस-नहस कर जलाए जाने के निशान सड़क पर तो नहीं, जहां पिकअप वैन को पकड़ा गया होगा बल्कि हाट से थोड़ा अलग एक प्राइमरी स्कूल के प्रांगण में दिखते हैं.</p><p>पुलिस के मुताबिक़ केदारहाट गांव के लोगों ने गाड़ी में गाय दिखने और पूछताछ का सही जवाब न मिलने पर प्रकाश दास और नबीउल हसन की बुरी तरह पिटाई की और गाड़ी में आग लगा दी गई.</p><p>ख़बरों के मुताबिक़ भीड़ ने कथित चोरी की गाय को खेत में छोड़ जाने दिया था.</p><p>परिवार का कहना है कि पिकअप वैन मुताबिक़ हसन की थी, जिसे प्रकाश ड्राइव कर रहा था. प्रकाश हालांकि हसन के लिए लगातार काम नहीं करता था.</p><figure> <img alt="वो पिकअप वैन" src="https://c.files.bbci.co.uk/5061/production/_109977502_9.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>प्रतीकात्मक तस्वीर</figcaption> </figure><p>चाचा सबीदुल हक़ कहते हैं कि हसन के पास कोई परमानेंट ड्राइवर नहीं था और काम के हिसाब से उन्हें एक या चंद दिनों के लिए रख लेता था.</p><p>उन्होंने बताया, "हसन मसाला, चाय और रोज़मर्रा के दूसरे सामान बाज़ार में सप्लाई करता था और उसी काम से उसे दिन माथा भंगा गया था जब केदारहाट के पास क्लब के कुछ लड़कों ने चंदे के लिए उसे पकड़ा और फिर मार-धाड़ किया. बाद में गाय लाकर बांध दिया."</p><p>परिवार वाले हादसे के वक़्त हसन के पास एक मंहगा मोबाइल, कैश और सोने की अंगूठी वग़ैरह होने का भी दावा करते हैं. </p><p>चार कमरे, बरामदे, आंगन और दालान और पक्की दीवारों से बना घर हसन की माली हैसियत बयां करते हैं. </p><h3>वो फ़ोन कॉल्स</h3><p>हसन की मां आसिया बीबी कहती हैं, "जिस आदमी ने बुलाया उसी ने उसकी मौत की ख़बर दी, दो दिनों के बाद जब उससे फिर फ़ोन पर बात हुई तो उसने कहा कि ये फ़ोन किसी को मत दीजिएगा मुझे दिक्क़त होगी. वो बार-बार अपना फ़ोन न देने की बात क्यों कहता है?"</p><p>प्रकाश की पत्नी झिनुक कहती हैं कि उन्हें नहीं पता कि फ़ोन किसका है लेकिन उन्होंने किसी को कहते सुना कि पुराना पैसा मिल जाएगा…. फिर सुबह में उनकी मौत की ख़बर आई.</p><p>झिनुक का कहना है कि प्रकाश ने कुछ लोगों के लिए काम किया था जिसके पैसे उसे नहीं मिले थे.</p><figure> <img alt="नबीउल हसन की कब्र" src="https://c.files.bbci.co.uk/15CBD/production/_109977298_1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>नबीउल हसन की कब्र के साथ खड़ीं उनकी माँ आसिया बीबी</figcaption> </figure><p>परिवारवाले बताते हैं कि प्रकाश कुछ दिनों पहले पुलिस की गिरफ्त में आ गया था. इक्का-दुक्का जगहों पर हसन के तस्करी से जुड़े होने की बात भी कही गई है.</p><p>बाबू मियां नाम के एक व्यक्ति का ज़िक्र भी उसके मां, पिता और दूसरे रिश्तेदारों की बातों में बार-बार आता है.</p><p>पिछले दो माह से वो बिल्कुल बदल गया था, उसके नए-नए दोस्त बन गए थे वो वक़्त-बेवक़्त उसे बुलाकर ले जाते थे और अपने साथ काम करने का ज़ोर दिया करते थे.</p><h3>व्हॉट्सऐप से जानकारी</h3><p>हक़ बताते हैं कि उन्हें भतीजे की मौत की ख़बर उस मैसेज से मिली जिसमें हसन की तस्वीर थी.</p><p>"हम पहले पास के थाने और फिर अस्पताल गए, जब वहां पता नहीं चला तो उसके बाद कूच बिहार गए. वहां भतीजे की लाश पड़ी थी. जो पोस्टमॉर्टम के बाद हमें दे दी गई."</p><p>बातें करते-करते हक़ अचानक से भावुक हो जाते हैं और फफक-फफककर रोने लगते हैं और उसी दौरान कहते हैं, "अगर कोई चोर भी हो तो ये कहां का क़ानून है कि आप उसका क़त्ल कर देंगे. ये तो क़ानून को अपने हाथ में लेना है."</p><figure> <img alt="कूच बिहार" src="https://c.files.bbci.co.uk/10E9D/production/_109977296_2.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>नबीउल हसन के चाचा सबीदुल हक़</figcaption> </figure><p>मां सोइलो दास भर्राई आवाज़ में कहती हैं कि प्रकाश के पूरे जिस्म में कहीं चोट नहीं थी सिवाए कपाड़ के, "जैसे किसी ने किसी धारधार हथियार को माथे के चारों तरफ़ घुमा दिया हो."</p><p>सबीदुल हक़ जो सवाल पूछ रहे हैं, वही न सिर्फ कूच बिहार बल्कि देश भर में पूछा जा रहा है.</p><h3>भारत-बांग्लादेश सीमा</h3><p>केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के बनने के बाद लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के मद्देनज़र इसपर अलग से क़ानून बनने की बात बार-बार उठती रही है लेकिन सरकार का रवैया पूरे मामले पर ठंडा ही रहा है. </p><p>पश्चिम बंगाल और राजस्थान की सरकारों ने इसको लेकर अलग से बिल पास किया भी है, मगर वो राज्यपालों के पास धूल खा रही हैं.</p><p>इस इलाक़े में एक सवाल और भी है.</p><figure> <img alt="भारत-बांग्लादेश सीमा" src="https://c.files.bbci.co.uk/0629/production/_109977510_8.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>भारत-बांग्लादेश सीमा</figcaption> </figure><p>कूच बिहार की तक़रीबन साढ़े पांच सौ किलोमीटर सीमा बांग्लादेश से लगती है और पिछले सालों में तार की फेंसिग के बावजूद कई क्षेत्र ऐसे हैं जो कई भौगोलिक कारण जैसे नदियों, दलदल वग़ैरह की वजह से घेरे नहीं जा सकते.</p><p>मवेशी से लेकर नमक तक की तस्करी इन इलाक़ों में आम सी बात है और कहा जाता है कि इसकी पैठ बहुत गहरी और लंबी है.</p><h3>पुलिस-प्रशासन की चुप्पी</h3><p>शायद इसलिए जब बीबीसी ने कई सवालों के जवाब जानने के लिए पुलिस से लेकर, प्रशासन और सभी राजनीतिक दलों के स्थानीय नेताओं से बात करने की कोशिश की तो सब के सब बचते नज़र आए.</p><p>कुछ जगहों पर सरगोशी में बीजेपी के एक बड़े नेता का नाम किंगपिन के तौर पर लिया जाता है. </p><figure> <img alt="बीजेपी नेता दीप्तिमान सेन गुप्ता" src="https://c.files.bbci.co.uk/13AC1/production/_109977508_11.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>बीजेपी नेता दीप्तिमान सेन गुप्ता</figcaption> </figure><p>हमें इस पर प्रतिक्रिया के लिए ढाई घंटे सफ़र कर 117 किलोमीटर दूर माल बाज़ार जाना पड़ा जहां पार्टी के सीनियर नेता दीप्तिमान सेनगुप्ता ने हमसे कहा कि चूंकि बीजेपी नॉर्थ बंगाल में मज़बूत है इसलिए इस पूरे मामले का राजनीतिकरण करके उसे बदनाम करने की कोशिश हो रही है.</p><p>दीप्तिमान कहते हैं कि बॉर्डर के इलाक़ों के लिए अलग से पॉलिसी बनाई जानी चाहिए ताकि लोगों को रोज़गार के बेहतर अवसर मिल सकें.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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कूचबिहार लिंचिंग केसः प्रकाश और हसन के साथ उस रोज़ क्या हुआ था…
<figure> <img alt="प्रकाश दास और नबीउल हसन" src="https://c.files.bbci.co.uk/9E81/production/_109977504_jio-1.png" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>मृतक प्रकाश दास और नबीउल हसन</figcaption> </figure><p>प्रकाश दास और नबीउल हसन, दोनों की मौत की कहानियों में एक फ़ोन कॉल का ज़िक्र आता है, एक संदेहास्पद फ़ोन कॉल का.</p><p>प्रकाश की बीवी झिनुक मालादास पति को फ़ोन पर पेमेंट दिए जाने का वायदा कर […]
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