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Article 370 के प्रावधानों को खत्म करने वाले विधेयक के समान ही महत्वपूर्ण है नागरिकता संशोधन विधेयक : राजनाथ

नयी दिल्ली : भाजपा नेतृत्व ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन विधेयक की तुलना जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे से संबंधित अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने वाले विधेयक से की और पार्टी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने पार्टी सांसदों से कहा कि जब गृह मंत्री संसद में मसौदा विधेयक को पेश करें […]

नयी दिल्ली : भाजपा नेतृत्व ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन विधेयक की तुलना जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे से संबंधित अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने वाले विधेयक से की और पार्टी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने पार्टी सांसदों से कहा कि जब गृह मंत्री संसद में मसौदा विधेयक को पेश करें तब वे बड़ी संख्या में मौजूद रहें.

भाजपा संसदीय दल की मंगलवार को हुई बैठक के दौरान संसद में पार्टी सांसदों के अनुपस्थित रहने का विषय भी उठा. वरिष्ठ नेता एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सांसदों को संसद में विधेयकों पर चर्चा एवं पारित होने के समय उनकी कम उपस्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाखुशी से अवगत कराया. सूत्रों ने बताया कि सिंह ने पार्टी सांसदों से कहा कि जब गृह मंत्री अमित शाह नागरिकता संशोधन विधेयक पेश करें तब वे बड़ी संख्या में उपस्थित रहें. उन्होंने कहा कि यह मसौदा विधेयक उतना ही महत्वपूर्ण है जितना अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने वाला विधेयक था. सिंह ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर विपक्ष की आलोचनाओं को खारिज किया और कहा कि भाजपा हमेशा देश और लोगों को एकजुट करने के लिए काम करती है.

गौरतलब है कि मसौदा विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये ऐसे गैर मुस्लिमों को नागरिकता प्रदान करने की बात कही गयी है जो वहां उत्पीड़न का शिकार होते हैं. सूत्रों ने बताया कि सिंह ने पार्टी सांसदों से आने वाले दिनों में महत्वपूर्ण विधेयक पेश किये जाने के दौरान संसद में उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बार-बार सांसदों के सदन में अनुपस्थित रहने के विषय पर अपनी बात कही है, लेकिन यह विषय अब भी बना हुआ है. पार्टी के संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मौजूद नहीं थे क्योंकि उनका झारखंड के खूंटी एवं जमशेदपुर में चुनावी रैली को संबोधित करने का कार्यक्रम है. बैठक में पार्टी अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी आदि मौजूद थे.

सूत्रों के अनुसार, राजनाथ सिंह ने पार्टी सांसदों से कहा कि संसद में विधेयक तो पारित हो रहे हैं, लेकिन चर्चा एवं पारित होने के दौरान दल के सांसदों की उपस्थिति कम होती है. विधेयक छोटा हो या बड़ा, सांसदों को सदन में उपस्थित रहना चाहिए. उन्होंने बताया कि सिंह ने सदन में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी सहित कुछ अन्य विपक्षी नेताओं की टिप्पणियों के संदर्भ में कहा कि भाजपा को विपक्ष की ऐसी टिप्पणियों के प्रति आक्रामक होना चाहिए, लेकिन उस स्तर तक नहीं जाना चाहिए जिस स्तर पर विपक्षी सदस्य जाते हैं. उन्होंने पार्टी सांसदों को जवाब देने के दौरान असंसदीय शब्दों के प्रयोग के प्रति सचेत किया. सिंह ने कहा कि भाजपा ‘पार्टी विद डिफरेंस’ है. उनकी इस टिप्पणी को पार्टी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के नाथूराम गोडसे से जुड़े बयान से जोड़कर देखा जा रहा है.

बैठक के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने देश में कुपोषण से निपटने में सरकार के प्रयासों के बारे में सांसदों को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मई 2018 से पोषण अभियान की शुरुआत की गयी और आंगनबाडी केंद्रों में कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन से लैस किया गया है. इसके अलावा मातृ वंदना योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

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