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तोरपा विस सीट : एनई होरो ने किया था झापा के कांग्रेस में विलय का विरोध, पार्टी की कमान ली थी अपने हाथ, बिहार के बने थे शिक्षा मंत्री

सतीश शर्मा तोरपा : तोरपा विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर मंत्री बननेवाले पहले विधायक एनई होरो थे. 1968 में चुनाव जीतने के बाद उनको तत्कालीन बिहार सरकार में मंत्री बनाया गया था. वह योजना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री बनाये गये थे. श्री होरो 1969 का चुनाव भी जीते. बिहार सरकार में फिर से […]

सतीश शर्मा
तोरपा : तोरपा विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर मंत्री बननेवाले पहले विधायक एनई होरो थे. 1968 में चुनाव जीतने के बाद उनको तत्कालीन बिहार सरकार में मंत्री बनाया गया था. वह योजना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री बनाये गये थे. श्री होरो 1969 का चुनाव भी जीते. बिहार सरकार में फिर से मंत्री बने.
इस बार उनको शिक्षा मंत्री बनाया गया. शिक्षा मंत्री के रूप में श्री होरो ने आदिवासी बहुल क्षेत्रों में शिक्षा के प्रसार के लिए बढ़िया काम किया. स्व एनई होरो के पुत्र रिलन होरो बताते हैं कि शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने क्षेत्र में स्कूल-कॉलेज खुलवाये. आज भी इस क्षेत्र के युवाओं को उसका लाभ मिल रहा है. तोरपा सीट से चुनाव जीतकर मंत्री बनने वाले दूसरे विधायक लियेंदर तिरू थे. वे यहां से 1980 में चुनाव जीतकर विधायक बने थे. बिहार सरकार में उनको लघु सिंचाई मंत्री बनाया गया था.
मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में थी झापा
आजादी के बाद काफी समय तक झारखंड पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्य विपक्षी दल रहा. 1957 में हुये चुनाव में झारखंड पार्टी को 32 सीटें मिली थी. पार्टी बिहार विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में थी. 1962 में झारखंड पार्टी को कुल 20 सीटें मिली थी. उस समय झारखंड पार्टी की कमान जयपाल सिंह मुुंडा के हाथों में थी. 1963 में जयपाल सिंह मुंडा ने झारखंड पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया. एनई होरो ने इसका विरोध करते हुए झारखंड पार्टी की कमान अपने हाथों में ले ली थी.

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