झारखंड विधानसभा चुनाव का प्रचार अपने चरम पर है. यह चुनाव महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे कई अहम स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ धारा 370, राममंदिर, राफेल, एनआरसी जैसे राष्ट्रीय मुद्दों पर भी लड़ा जा रहा है.
लेकिन जनता अच्छी तरह से जानती है कि क्षेत्रीय या स्थानीय चुनावों में स्थानीय मुद्दे ही जरूरी हैं. विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय मुद्दे व राज्य सरकार द्वारा किये गये कार्य एवं जनता के प्रति उसकी नीतियां ही हार-जीत तय करती हैं. महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव में यह स्पष्ट भी हो चुका है.
अमित चौबे, केतात, झारखंड