नयी दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सियासी घमासान जारी है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी प्रमुख शरद पवार द्वारा दायर याचिका पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आ गया है.
जस्टिस एनवी रमन्ना, अशोक भूषण, और संजीव कुमार की बेंच ने फैसला सुनाया. बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस एनवी रमन्ना ने आदेश की कॉपी को पढ़ते हुए कहा कि पीठ फिलहाल मामले में आंतरिक फैसला सुना रही है. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा होनी चाहिए और इसमें कई सवालों का जवाब तलाशना जरूरी है.
उच्चतम न्यायालय ने फैसले में कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हो और कोई हॉर्स ट्रेडिंग ना हो इसके लिए हम कुछ आतंरिक फैसला सुनाते हैं. कोर्ट ने कहा कि अभी तक विधायकों का शपथ ग्रहण ना हो इसलिए पहले कल शाम पांच बजे से पहले विधायकों का शपथ ग्रहण कराया जाय. राज्यपाल एक प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति करें और उनकी निगरानी में ही फ्लोर टेस्ट करवाया जाय.
कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि कोई भी गुप्त मतदान नहीं होगा. पूरी प्रक्रिया का लाइव टेलिकास्ट होना चाहिए ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका ना रहे. बता दें कि उच्चतम न्यायालय में फैसले के वक्त बीजेपी, कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के कई बड़े नेता मौजूद थे. वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल भी इस दौरान कोर्ट रूम में मौजूद रहे.