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शिवसेना, NCP और कांग्रेस ने 162 विधायकों के साथ किया शक्ति प्रदर्शन, उद्धव बोले- ”BJP को बतायेंगे हम क्‍या चीज हैं”

* सभी नेताओं ने हाथ उठाकर शपथ लिया. यह बोलकर शपथ लिया गया कि हम साथ-साथ हैं. शपथ में कहा गया कि तीनों पार्टियां एक साथ मिलकर महाराष्‍ट्र में सरकार बनाएगी. शिवसेना ने साफ किया कि वो अब भाजपा के साथ कभी नहीं जाएंगे. * शरद पवार ने कहा, भाजपा ने गलत तरीके से महाराष्‍ट्र […]

* सभी नेताओं ने हाथ उठाकर शपथ लिया. यह बोलकर शपथ लिया गया कि हम साथ-साथ हैं. शपथ में कहा गया कि तीनों पार्टियां एक साथ मिलकर महाराष्‍ट्र में सरकार बनाएगी. शिवसेना ने साफ किया कि वो अब भाजपा के साथ कभी नहीं जाएंगे.

* शरद पवार ने कहा, भाजपा ने गलत तरीके से महाराष्‍ट्र में सरकार बनायी. बहुमत से ज्‍यादा विधायक हमारे पास हैं. केंद्र के लोगों ने गोवा, मणिपुर और कर्नाटक में गलत तरह से सरकार बनाया. अब महाराष्‍ट्र में भी वही किया गया. पवार ने कहा, हम महाराष्‍ट्र की जनता के लिए एक साथ आये हैं. ये कोई गोवा, मणिपुर नहीं है, बल्कि ये महाराष्‍ट्र है, यहां बातें अलग होंगी.

पवार ने कहा, अजित पवार ने सबको गुमराह किया है और उनके खिलाफ एनसीपी कार्रवाई करेगी. उन्‍होंने कहा, अजित पवार अब कोई फैसला नहीं कर सकते. उन्‍होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी है कि व्‍हिप का पालन जो नहीं करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

* शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, हम इतनी संख्‍या में हैं कि एक फोटो फ्रेम में नहीं समा रहे हैं. उन्‍होंने भाजपा को धमकी देते हुए कहा कि जब आप हमें 25-30 सालों में नहीं समझ सके तो अब हम बतायेंगे कि शिवसेना क्‍या चीज है. उन्‍होंने कहा, कांग्रेस और एनसीपी के साथ कोई 5 साल का साथ नहीं होगा, बल्कि ये साथ अगले 25-30 सालों के लिए होगा.

* कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री अशोक चह्वाण ने कहा – शिवसेना, एनपीसी और कांग्रेस के गठबंधन से महाराष्‍ट्र में सरकार बनेगी. हमारे पास 162 विधायक हैं. उन्‍होंने कहा, हमें सरकार बनाने का न्‍योता मिलना चाहिए.

नयी दिल्ली/ मुंबई :शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस मुंबई के ग्रैंड हयात पांच सितारा होटल में मीडिया के सामने विधायकों की परेड करा रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि उनके सभी 162 विधायक वहां मौजूद हैं. हयात होटल में शिवसेना के विधायकों के साथ उद्धव ठाकरे, आदित्‍य ठाकरे भी मौजूद हैं. इसके अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले भी होटल में मौजूद हैं.

इससे पहले शिवसेना के नेता संजय राउत ने ट्वीट कर राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से अपील की कि तीनों दलों के विधायकों की ‘परेड’ को वह देखें. राउत ने राज्यपाल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को टैग करते हुए लिखा, ‘हम सब एक हैं और साथ हैं, हमारे 162 विधायकों को पहली बार शाम सात बजे ग्रांड हयात में देखिए, महाराष्ट्र के राज्यपाल खुद आएं और देखें.’

राकांपा के एक नेता ने कहा, ‘जनभावना को अपनी तरफ करने के लिए ऐसा किया जा रहा है. जब हम 162 विधायकों का एक हॉल में परेड कराएंगे, तो पूरा देश देखेगा कि भाजपा राज्यपाल के पद का दुरुपयोग कर महाराष्ट्र में गंदा खेल कर रही है.’ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के विधायक फिलहाल मुंबई के अलग-अलग होटलों में ठहरे हुए हैं.

दूसरी ओर संसद में कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे को लेकर शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की याचिका पर मंगलवार को आदेश सुनाया जायेगा. इस गठबंधन ने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले को चुनौती दे रखी है. राज्य में राजनीतिक हलके में अनिश्चितता बढ़ गयी है क्योंकि केंद्र ने सोमवार को भी यही दावा किया कि महाराष्ट्र में सरकार गठित करने के लिए भाजपा को राकांपा के 54 विधायकों का समर्थन था.

केंद्र ने न्यायालय से अनुरोध किया कि राज्यपाल के फैसले के खिलाफ याचिका पर जवाब देने के लिए उसे दो तीन दिन का वक्त दिया जाये. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यपाल ने शनिवार की सुबह भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी. इसके बाद से शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा ने अपने-अपने विधायकों को मुंबई के अलग-अलग होटलों में ठहराया है. न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष शिवसेना की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके गठबंधन के पास 154 विधायकों के हलफनामे हैं और अगर भाजपा के पास बहुमत है तो उसे 24 घंटे के भीतर अपना बहुमत सिद्ध करने के लिए कहा जाना चाहिए. केंद्र ने पीठ से कहा कि 23 नवंबर को सबसे बड़े दल को सरकार गठित करने के लिए आमंत्रित करना राज्यपाल का विवेकाधिकार था. सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को सरकार गठित करने के लिये घूम घूम कर यह पता लगाने की आवश्यकता नहीं है कि किस दल के पास बहुमत है. इससे पहले, शिवसेना की ओर से बहस शुरू करते हुये सिब्बल ने तीनों दलों की प्रेस कांफ्रेस का हवाला दिया जिसमें उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री घोषित किया गया था.

सिब्बल ने कहा, ‘‘ऐसी कौन सी राष्ट्रीय आपदा थी कि सवेरे 5.47 मिनट पर राष्ट्रपति शासन खत्म किया गया.’ उन्होंने राष्ट्रपति शासन हटाने की कथित जल्दबाजी और नयी सरकार के गठन का जिक्र किया और कहा कि लोकतांत्रिक इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. राकांपा और कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे ‘निचले स्तर का छल’ करार दिया और सवाल किया कि क्या एक भी राकांपा विधायक ने अजित पवार से कहा कि उसने भाजपा के साथ हाथ मिलाने के लिए उनका समर्थन किया. इस बीच, महाराष्ट्र मुद्दे पर कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 2 बजकर 10 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई.

दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने सभा पटल पर आवश्यक कागजात रखवाये. इसके बाद उन्होंने जैसे ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कार्यसूची में 11 वें नंबर पर अंकित विधेयक पेश करने को कहा, विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर महाराष्ट्र के मुद्दे पर नारेबाजी करने लगे और पोस्टर लहराने लगे. शोर-शराबा करने वालों में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शामिल थे. लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों के भारी हंगामे और पार्टी के दो सदस्यों हिबी इडेन एवं टी एन प्रतापन तथा मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. एक बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे पुन: आरंभ होने के साथ ही पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने सभा की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

सोमवार सुबह लोकसभा की कार्यवाही आरंभ होते ही कांग्रेस सदस्य नारेबाजी करते और पोस्टर लिए हुए आसन के निकट पहुंच गए. इडेन और प्रतापन ने बड़ा पोस्टर ले रखा था जिस पर ‘स्टॉप मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी’ लिखा था. नारेबाजी के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया और अनुसूचित जाति के लड़के-लड़कियों के छात्रावास विषय पर पूरक प्रश्न पूछने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम पुकारा. इस सत्र में पहली बार सदन में पहुंचे गांधी ने सवाल पूछने से इनकार करते हुए कहा, ‘‘महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है, ऐसे में मेरे सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है.’

इसी बीच स्पीकर बिरला ने बड़ा पोस्टर लहरा रहे इडेन और प्रतापन को ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी. सदस्यों के नहीं मानने पर स्पीकर ने मार्शलों को दोनों कांग्रेस सदस्यों को सदन से बाहर करने का आदेश दिया. इसके बाद मार्शल इन दोनों सदस्यों को सदन से बाहर ले जाने के लिए पहुंचे तो उनके साथ इडेन, प्रतापन और अन्य कांग्रेस सदस्यों की धक्कामुक्की हो गयी. इस बीच, स्पीकर ने मार्शलों को लौटने के लिए कहा. हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. शीतकालीन सत्र में पहली बार प्रश्नकाल की कार्यवाही बाधित हुई है. इससे पहले 18 नवंबर को शुरू हुए मौजूदा सत्र के पहले दो दिन विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच प्रश्नकाल पूरा चला. बाकी तीन दिन भी प्रश्नकाल शांति से चला. सोमवार को सदन की कार्यवाही आरंभ होने से पहले संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने कांग्रेस सांसदों ने महाराष्ट्र के मुद्दे पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया. हाथों में बैनर लिए कांग्रेस नेताओं ने ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ ‘प्रधानमंत्री होश में आओ’ और ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे लगाए. राकांपा प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि अजित पवार के भाजपा के साथ जाने और उप मुख्यमंत्री बनने के निर्णय के पीछे वह नहीं थे और एकबार फिर दावा किया कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाएगी.

सतारा जिले के कराड में पवार ने पत्रकारों से कहा कि भाजपा के साथ जाने का फैसला उनके भतीजे अजित पवार का है. पवार ने कहा, ‘‘ यह पार्टी का निर्णय नहीं है और हम इसका समर्थन नहीं करते.’ उन्होंने यह भी कहा कि अजित पवार के साथ वह सम्पर्क में नहीं हैं, जिन्होंने राकांपा के खिलाफ बगावत की है. अजित पवार को राकांपा से बर्खास्त करने के सवाल पर पवार ने कहा कि पार्टी स्तर पर यह निर्णय लिया जाएगा. शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया कि भाजपा नेता अगर सत्ता से दूर रहे तो उनका दिमाग खराब हो जाएगा. पत्रकारों से बातचीत में राउत ने कहा कि जब शिवसेना-राकांपा- कांग्रेस की संयुक्त सरकार राज्य में आएगी तब वह महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों में ‘ऐसे लोगों के लिए’ मानसिक स्वास्थ्य के लिए क्लिनिक खोलेगी.

इसबीच शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा द्वारा बनाए गए महागठबंधन ‘महा विकास आघाडी’ ने आज सुबह राज्यपाल के कार्यालय को एक पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया कि उसके पास बहुमत है, जबकि हाल ही में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले देवेंद्र फडणवीस के पास आवश्यक संख्या बल नहीं है. हालांकि भाजपा नेता आशीष शेलार ने इस पत्र को ‘‘फर्जी’ करार दिया और कहा कि ‘‘यह एक फर्जी पत्र है क्योंकि तकनीकी रूप से अजित पवार अभी भी राकांपा के विधायक दल के नेता हैं और उन्होंने भाजपा को समर्थन दिया है.’

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