रातभर में पलटा पासा, सुबह नयी सरकार, अजित पवार के सहयोग से फिर सत्ता में भाजपा
मुंबई /नयी दिल्ली : महाराष्ट्र में नयी सरकार का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने याचिका दाखिल कर राज्यपाल के उस आदेश को रद्द करने की मांग की है, जिसमें उन्होंने सूबे में सरकार बनाने के लिए देवेंद्र फडणवीस को आमंत्रित किया था. कोर्ट तीनों दलों की याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है. शीर्ष अदालत ने इस मसले पर रविवार 11:30 बजे से सुनवाई शुरू कर दी.कपिल सिब्बल शिवसेना की तरफ से, अभिषेक मनु सिंधवी एनसीपी की तरफ से और देवदत्त कामत कांग्रेस की तरफ से पेश हो रहे हैं. के. के. वेणुगोपाल और तुषार मेहता केंद्र और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश हो रहे है.
इससे पहले महाराष्ट्र की सियासत में शुक्रवार की आधी रात शुरू हुई हलचल शनिवार की देर रात तक शांत नहीं हुई. इस तरह राज्य में बड़ा उलटफेर देखने को मिला. सुबह करीब साढ़े सात बजे भाजपा विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ ही एनसीपी नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
इसके पहले लगभग यह तय माना जा रहा था कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना, एनसीपी व कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनेगी. 12 घंटे में तस्वीर अचानक बदली और 12 दिन पहले राज्य में लगा राष्ट्रपति शासन समाप्त हो गया.
हालांकि, शाम होते-होते इस बात की चर्चा जोर पकड़ने लगी कि 30 नवबंर तक आखिर फडणवीस बहुमत का आंकड़ा कहां से लायेंगे, क्योंकि राज्यपाल के पास एनसीपी के 54 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपने वाले अजित पवार खुद पार्टी में अलग-थलग पड़ गये. शाम तक उनके साथ महज चार विधायक साथ नजर आये. इस बीच महाराष्ट्र का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है., जहां रविवार की सुबह सुनवाई होगी.
दरअसल, पार्टी में टूट की आशंका के बीच एनसीपी की शनिवार की शाम विशेष बैठक हुई. पार्टी सुप्रीमो शरद पवार ने कड़ा फैसला लेते हुए भतीजे अजित पवार को पार्टी के विधायक दल के नेता के पद से बर्खास्त कर दिया. साथ ही, ‘व्हिप’ जारी करने के अजित के अधिकार को भी वापस ले लिया. पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि विधायक दल के अगले नेता का चयन होने तक एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील के पास उनके सभी अधिकार होंगे.
पार्टी का दावा है कि इस बैठक में कुल 54 विधायकों में से 50 शामिल हुए़़ इस तरह सुबह में भाजपा को मिली खुशी, रात तक चिंता में बदल गयी. यह देखना दिलचस्प होगा कि एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना का अगला कदम क्या होगा. इससे पहले राज्य में चौंकाने वाली राजनीतिक घटनाक्रम के बाद शरद पवार ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ पत्रकार सम्मेलन को संबोधित किया.
पवार ने कहा कि भाजपा सरकार सदन में बहुमत साबित नहीं कर पायेगी और सरकार हम ही बनायेंगे. दावा किया कि 169-170 विधायकों का समर्थन उनके गठबंधन को हासिल है. पवार ने कहा कि जिन विधायकों ने दल-बदल किया है उनकी सदस्यता छिन जायेगी.
बहुमत का आंकड़ा 145 : विधानसभा में 288 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 का है. विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं. बाकी 29 सीटें अन्य के खाते में हैं.
फडणवीस का दावा : देंगे मजबूत सरकार
भाजपा ने दावा किया है कि उसे एनसीपी के सभी विधायकों का समर्थन प्राप्त है और सदन में बहुमत साबित कर देंगे. वहीं, सीएम देवेंद्र फडणवीस का भाजपा दफ्तर पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. फडणीस ने कहा- ‘मोदी है तो मुमकिन है’. साथ ही महाराष्ट्र को स्थिर सरकार देने का भी वादा किया.
पवार की कड़ाई : भतीजे को किया किनारे, पद से हटाया
भतीजे अजीत पवार के डिप्टी सीएम बनने के बाद शरद पवार ने कहा कि भाजपा को समर्थन देने का अजित का फैसला व्यक्तिगत है. हम इसका समर्थन नहीं करते. राज्यपाल ने जो किया उससे आश्चर्यचकित हूं. खैर, हमारे पास अब भी नंबर है और सरकार तो हम ही बनायेंंगे. वहीं, शरद पवार ने अजित पवार को पार्टी के विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया.
शिवसेना-कांग्रेस बोली : लोकतंत्र की हत्या
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह महाराष्ट्र की जनता पर हमला है और वे इसका बदला लेगी. ठाकरे ने कहा कि सभी जानते हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने क्या किया जब उनपर पीछे से हमला किया गया़
शिवसेना कार्यकर्ता विधायकों को तोड़ने की किसी भी कोशिश को नाकाम कर देंगे. वहीं, कांग्रेस ने शपथ ग्रहण समारोह को भारतीय इतिहास का ‘काला अध्याय’ करार देते हुए आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने लोकतंत्र के ‘भाड़े के हत्यारे’ की तरह काम किया है. राज्यपाल ने एक बार फिर साबित किया है कि वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के ‘हिटमैन’ हैं.