मध्य प्रदेश के भिंड में एक अजीब मामला सामने आया है. यहां स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की आलमपुर शाखा ने एक लापरवाही कर डाली. बैंक ने दो अलग-अलग ग्राहकों को एक ही खाता नंबर दे दिया.
बैंक की तरफ से दी गई पासबुक में ग्राहक संख्या भी एक है. इसकानतीजा यह हुआ कि एक ग्राहक खाते में पैसे जमा करता रहाजबकि दूसरा ग्राहक उसे निकालता रहा.
यह सिलसिला पूरे छह महीने तक चलता रहा. नतीजा यहसामने आया कि जमा करनेवाले ग्राहक के 89 हजार रुपये, दूसरे खाता धारक ने निकाल लिये. जब इस बात का पता चला, तो पीड़ित ने बैंक मैनेजर से बात की, जहां मामला सामने आने के बाद बैंक प्रबंधन हक्का बक्का रह गया.
दरअसल, आलमपुर के रुरई गांव में रहनेवाले हुकुम सिंह कुशवाहा हरियाणा में काम करते हैं. हुकुम सिंह का खाता आलमपुर की स्टेट बैंक शाखा में है. बैंक की ओर से उन्हें पासबुक जारी की गई.
हुकुम सिंह खाता खुलवाने के बाद पैसे कमाने के लिए हरियाणा चले गये. वे वहां से अपने अकाउंट में रुपये जमा कराते रहे. जब हरियाणा से वापस आकर हुकुम 16 अक्तूबर को अपने खाते से रुपये निकालने बैंक पहुंचे, तो उसमें सिर्फ 35 हजार रुपये ही थे. बताया गया कि खाते से छह महीने के अंदर अलग-अलग तारीखों में 89 हजार रुपये निकाले गए. इसके बाद हुकुम सिंह ने ब्रांच मैनेजर से शिकायत की.
मामले की जांच होने पर पता चला कि हुकुम सिंह को बैंक से जो ग्राहक संख्या और खाता संख्या जारी किया गया था, वही रोनी गांव निवासी हुकुम सिंह बघेल को भी जारी किया गया था. बघेल कोभी बैंक की ओर से पासबुक दी गई थी. मामले की हकीकत सामने आने पर बैंक प्रबंधनने हुकुम सिंह बघेल को बुलाया. जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा, मेरा खाता था. उसमें पैसा आया. मैं सोच रहा था मोदीजी पैसा दे रहे हैं तो मैंने निकाल लिया. मेरे पास पैसा नहीं था, हमारी मजबूरी थी. हमने घर में काम करवाया है और इसलिए पैसा हमें निकालना पड़ा.
बहरहाल, उन्होंने लिखित में दिया कि छह महीने में उन्होंने 89 हजार की जो रकम निकाली है, वे उसे हुकुम सिंह कुशवाहा को तीन किश्तों में वापस करेंगे.