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रांची : किशोरी की संदेहास्पद तरीके से जल कर मौत

सीसीएल की डायटिशियन के घर मेड का काम करती थी घटना के समय किशोरी घर में अकेली थी, बाहर से ताला बंद था घटना के बाद किशोरी को देवकमल अस्पताल में भर्ती कराया गया रांची : सीसीएल गांधीनगर अस्पताल की डायटिशियन सोमापिका दास के घर मेड का काम करनेवाली नाबालिग मौसमी बाउरी (15 वर्ष) की […]

सीसीएल की डायटिशियन के घर मेड का काम करती थी
घटना के समय किशोरी घर में अकेली थी, बाहर से ताला बंद था
घटना के बाद किशोरी को देवकमल अस्पताल में भर्ती कराया गया
रांची : सीसीएल गांधीनगर अस्पताल की डायटिशियन सोमापिका दास के घर मेड का काम करनेवाली नाबालिग मौसमी बाउरी (15 वर्ष) की संदेहास्पद स्थिति में जलकर मौत हो गयी.
वह पुरुलिया के जयपुर गांव निवासी डॉक्टर बाउरी की पुत्री थी. माचिस से जलने के बाद उसे इटकी रोड स्थित देवकमल अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. घटना बुधवार को गांधी नगर कॉलोनी के क्वार्टर नंबर- 2439 में हुई. गुरुवार को रिम्स में शव का पोस्टमार्टम किया गया.
बताया जाता है क घटना के समय मौसमी घर में अकेली थी और घर में ताला बंद था. सोमापिका दास ड्यूटी पर गयी हुई थी. जिस कमरे में घटना हुई, उसकी एफएसएल जांच करायी गयी.
इस मामले में सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष रूपा कुमारी ने कहा कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत चाइल्ड लेबर, ट्रैफिकिंग व क्रूएलटी ऑफ चाइल्ड के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. देवकमल अस्पताल में मौत होने के कारण पंडरा पुलिस ने मौसमी के पिता का बयान लिया.
डॉक्टर बाउरी ने बताया कि उन्हें बुधवार की शाम पुरुलिया के जयपुर थाना की पुलिस ने बताया कि उनकी बेटी मौसमी माचिस से गंभीर रूप से झुलस गयी है. वह अस्पताल में भर्ती है. इसके बाद वह अपनी पत्नी लक्ष्मी के साथ रांची पहुंचे. डायटिशियन के घर गये, तो उन्हें बताया गया कि मौसमी बुधवार को दिन के 11 बजे माचिस से जल गयी थी़ उसे देवकमल अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
दो साल से रांची में रह कर काम कर रही थी मौसमी
मजदूर का काम करने वाले डॉक्टर बाउरी ने बताया कि हमारे गांव से एक फेरीवाला रांची में कपड़ा बेचने के लिए आता है. उसने कहा था कि रांची में एक मैडम हैं, उनके यहां अपनी बच्ची को रख दो. वह उसे पढ़ायेगी तथा उनकी बेटी उनका छोटा-मोटा काम कर देगी.
उसके कहने पर दो साल पहले हमने अपनी बेटी को मैडम सोमापिका दास के यहां काम पर रखवा दिया था. हालांकि उसका किसी स्कूल में नाम नहीं लिखाया गया था़ मैडम उसे घर में ही पढ़ाती थी़ बच्ची के काम करने के एवज में हर महीने पैसा भी नहीं मिलता था़ दो-तीन महीना में जब हम रांची आतेे थे, तो 500-1000 रुपये हमें दे देती थी़ मेरी बच्ची मैडम को पीसी मां (फुआ) बोलती थी़
पड़ोसियों ने दी थी जलने की सूचना
सदर डीएसपी दीपक पांडेय भी पूछताछ करने रिम्स पहुंचे. उन्होंने डायटिशियन के पति (कोलकाता में स्वीमिंग कोच) ज्योति प्रकाश दास व उनके पुत्र अधिवक्ता सुबनो दास से मामले की जानकारी ली. ज्योति प्रकाश दास ने बताया जिस समय घटना घटी, उस समय घर में कोई नहीं था़
मौसमी के जलने की सूचना उनके पड़ोसियों ने उनकी पत्नी को दी. उसके बाद मेरी पत्नी सोमापिका दास गांधीनगर अस्पताल से कॉलोनी पहुंची़ उसके बाद मौसमी को पहले गांधीनगर अस्पताल ले जाया गया़ वहां से उसे देवकमल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गयी. घटना की सूचना मिलने पर पिता-पुत्र दोनों कोलकाता से बुधवार को फ्लाइट से रांची पहुंचे.

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