नयी दिल्ली : महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बातचीत की प्रक्रिया बृहस्पतिवार को पूरी हो गयी और शुक्रवार को नयी सरकार के गठन एवं इसकी रूपरेखा के बारे में अंतिम निर्णय किया जा सकता है.
दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा के बीच सभी मुद्दों पर बातचीत हो गयी है और सहमति भी बन गयी है. चह्वाण के मुताबिक, अब दोनों पार्टियां शुक्रवार को मुंबई में अपने छोटे सहयोगी दलों और शिवसेना के साथ बातचीत करेंगी. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को मुंबई में ही इस बारे में विचार होगा कि नयी सरकार का क्या स्वरूप होगा. सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को ही मुंबई में सरकार गठन तथा इसकी पूरी रूपरेखा के बारे में घोषणा की जा सकती है. इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, जयराम रमेश और मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं. राकांपा की तरफ से प्रफुल्ल पटेल, सुप्रिया सुले, अजीत पवार, जयंत पाटिल और नवाब मलिक शामिल हैं.
इससे पहले कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार गठन के लिए आगे बढ़ने को लेकर बृहस्पतिवार को स्वीकृति प्रदान कर दी. कांग्रेस और राकांपा के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को भी मैराथन बैठक की थी और इसके बाद एलान किया था कि वे जल्द ही राज्य में शिवसेना के साथ मिलकर नयी सरकार का गठन करेंगे. गत 24 अक्तूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से सरकार गठन को लेकर लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला था, लेकिन ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना के दावे के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गये. इस चुनाव में भाजपा और शिवसेना 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस और राकांपा ने क्रमश: 44 और 54 सीटें हासिल कीं.
इससे पहले शिवसेना के साथ गठबंधन की सरकार बनाने के लिए राकांपा के शीर्ष नेताओं ने बैठक की. राकांपा सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री पद के कार्यकाल को पार्टियों के बीच आधे-आधे समय के लिए बांटा जायेगा और पार्टी इस पद पर ढाई साल तक रहेगी. पार्टी के राज्य के नेता अजीत पवार, नवाब मलिक, राकांपा अध्यक्षव जयंत पाटिल, सुनील तटकरे और छगन भुजबल इस बैठक में मौजूद थे. इससे पहले दिन में कांग्रेस कार्यकारी समिति ने महाराष्ट्र में राजनीतिक परिदृश्य की समीक्षा की.