नयी दिल्ली : विपक्षी नेता शरद यादव ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन पर केंद्र सरकार के इशारे पर काम करके गरीब छात्रों के कॅरियर के साथ ‘खिलवाड़’ करने का आरोप लगाया है. शुल्क वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए यादव ने सोमवार को कहा कि यह ‘पूरी तरह से अन्यायपूर्ण’ है. यह स्थिति को और भड़का सकता है. छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते हुए यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मंजूर संशोधित शुल्क भी मौजूदा शुल्क की तुलना में काफी अधिक है.
मालूम हो कि जेएनयू के हजारों छात्रों ने छात्रावास शुल्क वृद्धि को पूरी तरह वापस लिये जाने की मांग को लेकर संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद भवन की तरफ मार्च करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. साथ ही विभिन्न स्थानों पर पुलिस के कथित लाठीचार्ज में कुछ छात्र घायल हो गये, जबकि छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत करीब 100 जेएनयू छात्रों को हिरासत में ले लिया गया. छात्रों ने दोहराया कि वे तब तक नहीं झुकेंगे, जब तक सरकार फीस वृद्धि वापस नहीं ले लेती. साथ ही माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर हैशटैग ‘इमरजेंसी इन जेएनयू’ ट्रेंड करने लगा.