किसी देश की उच्च शिक्षा की तस्वीर सरकार की शिक्षा में प्राथमिकता को दर्शाती है. जब भी दुनियाभर में बेहतरीन विश्वविद्यालयों की सूची सामने आती है, तो हमें यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि उसमें भारत के विश्वविद्यालयों का स्थान क्या है? हाल में जारी ‘टाइम्स हायर एजुकेशन रिपोर्ट’ में शीर्ष 300 में भारत का एक भी विश्वविद्यालय शामिल नहीं है.
सवाल यह है कि सरकारों की ओर से लगातार विकास के दावों के बावजूद आखिर इस मामले में तस्वीर क्यों बिगड़ती जा रही है? सुधार की बजाय हालात बदतर क्यों? उच्च शिक्षा के मौजूदा हालात में सरकार अपने ‘स्टडी इन इंडिया’ के सपने को कैसे साकार कर पायेगी? ऐसे में सरकार से उम्मीद है कि शिक्षकों के खाली पदों पर भर्ती, गुणवत्ता बेहतरी पर ध्यान जैसी पहलकदमी हो, ताकि शिक्षा के भविष्य में सुधार हो सके.
कपिल एम वड़ियार, पाली, राजस्थान