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अब सांस भी लेना मुश्किल, बड़े नहीं छोटे शहर भी साफ हवा को तरस रहे हैं

बढ़ता वायु प्रदूषण महज पर्यावरण समस्या ही नहीं है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए आफत है. गहरे धुंध में सड़कों पर रेंगते वाहन और मास्क लगाकर जहरीली हवा से बचते लोगों को देखकर लगता है कि इस समस्या का फिलहाल कोई समाधान नहीं है. दिल्ली समेत समूचे उत्तर भारत में वायु प्रदूषण हजारों मौतों का […]

बढ़ता वायु प्रदूषण महज पर्यावरण समस्या ही नहीं है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए आफत है. गहरे धुंध में सड़कों पर रेंगते वाहन और मास्क लगाकर जहरीली हवा से बचते लोगों को देखकर लगता है कि इस समस्या का फिलहाल कोई समाधान नहीं है. दिल्ली समेत समूचे उत्तर भारत में वायु प्रदूषण हजारों मौतों का कारण बन रहा है.

खतरनाक स्तर को छूता वायु गुणवत्ता सूचकांक किसी शहर विशेष के लिए चिंता नहीं है, यह देश की फिजा में जहर घुल जाने का स्पष्ट संकेत है. वायु प्रदूषण की मौजूदा समस्या, कारण और समाधान की जानकारी के साथ प्रस्तुत है…
देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण आपात स्तर पार कर चुका है. पांच नवंबर को दिल्ली में वायु प्रदूषण ने सारा रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया, जब लगातार नौवें दिन हवा दूषित बनी रही. सार्वजनिक तौर पर प्रदूषण रिकॉर्ड करने की व्यवस्था शुरू करने से लेकर अब तक की यह सबसे खतरनाक वायु गुणवत्ता रही है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 900 को भी पार कर गया.
दक्षिण एशिया सर्वाधिक प्रदूषित
वायु प्रदूषण की स्थिति समूचे दक्षिण एशिया में सबसे भयावह स्तर पर है. दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में आधे से अधिक इसी क्षेत्र में है. प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली, लाहौर, कराची, कोलकाता, मुंबई और काठमांडू शीर्ष दस में शामिल हैं. दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग का धुंध छाया रहता है.
पीएम2.5 से बढ़ा 10 गुना खतरा
राजधानी में पार्टिकुलेट पॉल्यूशन पीएम2.5 की सघनता बढ़ने से सामान्य जनजीवन संकट में है. सोशल मीडिया पर लोग अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. घने स्मॉग में बाहर निकलना खतरनाक है, लोग धुंध की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं.
हवा के कमजोर पड़ने, तापमान गिरने और किसानों द्वारा पराली जलाये जाने से अक्तूबर-नवंबर महीने में वायु गुणवत्ता खराब होने का सिलसिला वर्षों से चल रहा है, लेकिन अभी तक ठोस उपाय नहीं ढूंढा जा सका है. इससे पहले 2016 में एक हफ्ते तक दिल्ली की हवा जहरीले स्तर पर पहुंच चुकी थी.
मेट्रो शहरों में दूषित हवा
0-50 अच्छा
50-100 संतोषजनक
101-200 सुधार की जरूरत
201- 300 खराब
301-400 बहुत खराब
401-500 आपात स्थिति
वायु प्रदूषण से जूझता भारत
पूरा देश, खासकर उत्तर भारत इन दिनों वायु प्रदूषण से जूझ रहा है. दीवाली के बाद से ही वायु की गुणवत्ता बहुत खराब हो गयी है. दिल्ली-एनसीआर में इस कारण हेल्थ इमरजेंसी घोषित की जा चुकी है. विशेषज्ञों द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं.
लोगों से अपील की गयी है कि वे बाहरी वातावरण के संपर्क में आने से बचें. बीते हफ्ते दिल्ली समेत उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की 13 नवंबर को जारी विज्ञप्ति में खुलासा किया है कि देशभर के 19 शहरों में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है.
बच्चों के हृदय व फेफड़े को नुकसान
जीवाश्म ईंधन के कारण फैलनेवाला प्रदूषण गंभीर हो चुका है. इसका असर किशोरावस्था और वयस्क अवस्था में प्रवेश करनेवाले बच्चों पर ही नहीं, बल्कि नवजात बच्चे पर भी पड़ रहा है. वायु प्रदूषण के कारण बच्चों को अधिक नुकसान पहुंच रहा है, क्योंकि उनके फेफड़े अभी विकसित होने की अवस्था में हैं. प्रदूषित हवा में सांस लेने के कारण बच्चों के फेफड़ों की कार्य क्षमता प्रभावित होगी, जिससे ये दमा के शिकार हो सकते हैं. ऐसे बच्चों में हृदयाघात और स्ट्रोक्स होने का खतरा बढ़ जायेगा.
देश के कई शहरों में खतरनाक वायु प्रदूषण
शहर एयर क्वालिटी इंडेक्स स्थिति राज्य
जींद 448 आपात हरियाणा
बागपत 440 आपात उत्तर प्रदेश
गाजियाबाद 440 आपात उत्तर प्रदेश
हापुड़ 436 आपात उत्तर प्रदेश
लखनऊ 435 आपात उत्तर प्रदेश
मुरादाबाद 434 आपात उत्तर प्रदेश
नोएडा 428 आपात उत्तर प्रदेश
सिरसा 426 आपात हरियाणा

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