मुंबई : विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद इन दिनों राजनीतिक तौर पर महाराष्ट्र देश-दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. खासकर तबसे जब शिवसेना भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस और एनसीपी का दामन थामा है. राज्यभर में कृषि संकट पर चर्चा के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना नेताओं की शनिवार को होने वाली मुलाकात टल गयी है. तीनों पार्टियां राज्य में गठबंधन सरकार बनाने के लिए फिलहाल आपस में बातचीत कर रही हैं. राज्य में 12 नवंबर से राष्ट्रपति शासन लागू है.
शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि मुलाकात टाल दी गयी, क्योंकि तीनों पार्टियों के नेता और विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मौसम जनित स्थिति का आकलन करने में और चुनाव खर्च का ब्यौरा चुनाव आयोग को सौंपने में व्यस्त हैं. राज्यपाल के साथ बैठक के कार्यक्रम से इन अटकलों को बल मिला था कि तीनों दल साथ मिल कर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं, लेकिन शिवसेना और कांग्रेस का कहना रहा है कि मुलाकात कृषि संकट पर चर्चा करने तक सीमित है.
शिंदे ने एक बयान में कहा कि तीनों पार्टियों का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को राज्यपाल से मिलने वाला था, लेकिन तीनों दलों के प्रमुख नेता और विधायक मौसम जनित स्थिति का आकलन करने और अपने-अपने क्षेत्रों में नुकसान का आकलन सुनिश्चित करने में व्यस्त हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग अपने चुनाव खर्च का ब्यौरा चुनाव आयोग को सौंपने में भी व्यस्त हैं. इसलिए मुलाकात टाल दी गयी.
उन्होंने कहा कि मुलाकात की नयी तारीख की घोषणा बाद में की जायेगी. बेमौसम की बारिश और मॉनसून के देर से लौटने के चलते कई जिलों में किसानों की खरीफ की फसलों को नुकसान पहुंचा है.