नयी दिल्ली : रिलायंस जियो ने शुक्रवार को कहा कि कॉल जोड़ने पर लग रहे शुल्क को समाप्त करने के निर्णय को जनवरी, 2020 के बाद टाला गया तो इससे किफायती दूरसंचार सेवाओं प्रभावित होंगी.
कंपनी का कहना है कि नि:शुल्क वॉयस कॉल जैसी किफायती सेवाओं के कारण उपभोक्ताओं को फायदा हुआ है. रिलायंस जियो के निदेशक महेंद्र नाहटा ने कहा कि अब इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल का अनुपात लगभग बराबर हो चुका है, ऐसे में कोई कारण नहीं है कि ‘बिल एंड कीप’ व्यवस्था के क्रियान्वयन को टाला जाये.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा आईयूसी मुद्दे पर आयोजित खुले सत्र में नाहटा ने कहा कि एयरटेल ने 4जी नेटवर्क का विस्तार किया है और वोडाफोन आइडिया भी ऐसा करने की बातें कर रही हैं.
उन्होंने कहा, हम नफा या नुकसान पर विचार नहीं कर रहे हैं, बल्कि सिद्धांतों के आधार पर इसका विरोध कर रहे हैं. कहीं दूर बैठकर सरकार या नियामक के निर्णय की आलोचना करना हमारी समझ से बाहर है.
अत: हमने जो बिंदु उठाये हैं, उनके बारे में निर्णय लिये जायें. वोडाफोन आइडिया के एक अधिकारी ने कहा कि आज के समय में उपभोक्ताओं के पास मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी यानी एक कंपनी को छोड़ किसी अन्य कंपनी की सेवाएं चुनने की सुविधा है.
उन्होंने कॉल जोड़ने पर लगने वाले शुल्क को जारी रखने की पैरवी की. भारती एयरटेल ने भी कॉल जोड़ने पर लगने वाले शुल्क को शून्य करने का विरोध किया. कंपनी ने बिल एंड कीप व्यवस्था को कम से कम तीन साल के लिये टालने की मांग की.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.