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ट्रक से कुचल कर दो बच्चों की मौत का मामला : करण की मौत ने छीन ली मां की आवाज
रांची : अपर बाजार के जालान रोड में रविवार की रात दो बच्चे करण व सुबील कुजूर की मौत हुई थी, लेकिन सुबील को पतरस समझ कर उसका अंतिम संस्कार चिरौंदी के ब्रांबे हाउस में रहनेवाले पिता एलियस ने कर दिया था इधर, करण की मौत के बाद चिरौंदी के ब्रांबे हाउस में रहनेवाली उसकी […]
रांची : अपर बाजार के जालान रोड में रविवार की रात दो बच्चे करण व सुबील कुजूर की मौत हुई थी, लेकिन सुबील को पतरस समझ कर उसका अंतिम संस्कार चिरौंदी के ब्रांबे हाउस में रहनेवाले पिता एलियस ने कर दिया था
इधर, करण की मौत के बाद चिरौंदी के ब्रांबे हाउस में रहनेवाली उसकी मां सुनीता देवी सदमे में है. उनकी आवाज नहीं निकल रही है़ वह इशारे से बात करती है़ं इस बीच गुरुवार को करण, पतरस के परिजन के साथ-साथ सुबील के भाई महावीर कुजूर, मां सरस्वती देवी व पालक पिता प्रदीप कुजूर कोतवाली थाना पहुंंचे थे़ कोतवाली पुलिस ने सभी के संबंध में जानकारी ली.
पतरस के पिता ने मेरे भाई को देखने नहीं दिया : कोकर के इमाम कोठी में रहनेवाले सुबील के बड़े भाई महावीर ने कहा कि अपने भाई के लापता होने और दो बच्चों की ट्रक से कुचले जाने की सूचना पर मैं और मेरी मां सरस्वती देवी पहचान करने के लिए रिम्स गये थे़ उसी समय कुछ देर पहले पतरस के पिता भी पहुंचे थे. वे मेरे भाई सुबील को पतरस समझ बैठे और हमें उसका चेहरे देखने नहीं दिया. इतना ही नहीं करण को अपना बेटा पतरस कह कर अंतिम संस्कार भी कर दिया़
महावीर ने कहा, सीडब्ल्यूसी जाने पर पता चला कि पतरस जिंदा है
महावीर ने बताया कि हमलोगों को किसी ने बताया था कि समाहरणालय में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) से मेरे भाई के संबंध में पता चल सकता है़
जब वहां गये तो देखा कि पतरस के पिता एलियस भी मृत्यु प्रमाण पत्र की बात करने पहुंचे थे़ लेकिन वहां एलियस को बताया गया कि उनके पुत्र पतरस व सूरजदीप को कोतवाली पुलिस ने नौ नवंबर को भटकते हुए देखा था. दोनों को पहले कोकर स्थित चाइल्ड लाइन भेजा गया था. वहां से फिर आइटीआइ स्थित बालाश्रय भेज दिया गया था़ बालाश्रय में पता चला कि वहां दोनों भाई सुरक्षित हैं. उसके बाद एलियस खुश होने के साथ-साथ दुखी हो गये. कहा है कि गलती से मैंने दूसरे के बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया़ इधर, कपड़े देखने के बाद महावीर ने पहचाना कि पतरस बोल कर जिसका अंतिम संस्कार किया गया है, वह मेरा भाई सुबील था.
… ताकि इंसाफ व मुआवजा मिल सके
महावीर ने बताया कि सुबील पांच भाइयों में सबसे छोटा था़ मेरे बाद जीतू कुजूर, यशवंत कुजूर, सुनील कुजूर व सबसे छोटा सुबील कुजूर. महावीर कोकर स्थित एक सीमेंट दुकान में काम करता है़ सुबील की मां सरस्वती देवी और करण की मां सुनीता देवी ने कहा कि पुलिस हर हाल में हमारे बच्चों को कुचलने वाले ट्रक व चालक को पकड़े, ताकि हमें इंसाफ मिल सके़ सरस्वती की बहन ने कहा कि हमारा बेटा चला गया, अब पुलिस ट्रक को पकड़े ताकि हमें मुआवजा भी मिल सके़
बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करे प्रशासन
सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा कुमारी ने बताया कि बच्चों की मौत की घटना दुखदायी है़ उन्होंने उपायुक्त व एसएसपी को पत्र लिख कर कहा है कि रोड किनारे सो रहे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और सीडब्ल्यूसी को सूचित करे़ं उन्होंने बताया कि पतरस व उसका भाई सूरजदीप अभी भी आइटीआइ बस स्टैंड के पीछे स्थित बालाश्रय में सुरक्षित है़ं उसके पिता को उन्हें घर ले जाने की इजाजत दे दी गयी है़ वहीं, दोनों बच्चों की बहनों को कस्तूरबा गांधी विद्यालय में एडमिशन कराया जायेगा़
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