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झाविमो के खिलाड़ी भाजपा की पसंद : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने संताल परगना को विशेष फोकस कर बनायी योजनाएं

झामुमो के इस गढ़ को ध्वस्त करने के लिए भाजपा ने खास रणनीति बनायी है रांची : भाजपा ने संतालपरगना के 18 में से 16 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा कर दी है़ भाजपा ने फिलहाल पाकुड़ और पोड़ैयाहाट को होल्ड पर रखा हैविधानसभा चुनाव में संताल परगना की 18 सीटों पर भाजपा की निगाहें […]

झामुमो के इस गढ़ को ध्वस्त करने के लिए भाजपा ने खास रणनीति बनायी है
रांची : भाजपा ने संतालपरगना के 18 में से 16 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा कर दी है़ भाजपा ने फिलहाल पाकुड़ और पोड़ैयाहाट को होल्ड पर रखा हैविधानसभा चुनाव में संताल परगना की 18 सीटों पर भाजपा की निगाहें है़ं विधानसभा चुनाव में झामुमो के इस गढ़ को ध्वस्त करने के लिए भाजपा ने रणनीति बनायी है़ मुख्यमंत्री रघुवर दास संताल परगना को विशेष फोकस किया है़
जन अाशीर्वाद यात्रा की शुरुआत मुख्यमंत्री ने संताल परगना से ही की थी़ झामुमो के इस गढ़ में सेंधमारी कर भाजपा बड़ा राजनीतिक मैसेज देना चाहती है़ भाजपा ने संताल परगना से जिन नये चेहरों को इस बार मौका दिया है, वे सभी झाविमो के पुराने खिलाड़ी है़ं झाविमो ने पिछले 2014 के विधानसभा चुनाव में इन नेताओं को उतारा था.
इस बार भाजपा ने उन्हें मौका दिया है़ पिछले विधानसभा चुनाव में लिट्टीपाड़ा से दानियल किस्कू, बरहेट से सिमॉन मालतो, महेशपुर से मिस्त्री सोरेन, बोरियो से सूर्या हांसदा, शिकारीपाड़ा से पारितोष सोरेन और जरमुंडी से देवेंद्र कुंवर झाविमो प्रत्याशी थे़ इन सभी सीटों पर चेहरे वही है, लेकिन पार्टी बदल कर झाविमो से भाजपा हो गयी है. इनमें से देवेंद्र कुंवर व मिस्त्री सोरेन की पृष्ठभूमि भाजपा से जुड़ी रही है.
झाविमो से नहीं जीते, अब भाजपा से जोर आजमाइश
सूर्या हांसदा
सूर्या हांसदा ने बोरियो से झाविमो की टिकट पर दो-दो बार चुनाव लड़ा. उन्हें वर्ष 2009 में करीब 26000 व वर्ष 2014 में 30000 वोट मिले. इस साल जुलाई में उन्होंने भाजपा का दामन थामा है. अब ताला मरांडी की जगह वह बोरियो से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे.
सिमॉन मालतो
सिमॉन मालतो सबसे पहले वर्ष 2009 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बरहेट से चुनाव लड़े थे. तब उन्हें 14163 वोट मिले थे. फिर 2014 में झाविमो की टिकट पर चुनाव लड़ा. तब 14161 वोट लाया. दोनों बार वह तीसरे स्थान पर ही रहे. हाल ही में भाजपा में वह भी शामिल हुए. इस बार भाजपा की टिकट पर जोर लगायेंगे.
पारितोष सोरेन
पारितोष सोरेन भी झाविमो से दो-दो बार चुनाव लड़े. वर्ष 2009 व वर्ष 2014 में शिकारीपाड़ा से झाविमो उम्मीदवार के रूप में मैदान पर थे. वर्ष 2009 में झामुमो प्रत्याशी से मात्र 1003 वोट से हार का सामना करना पड़ा. दूसरी बार फिर वर्ष 2014 में झाविमो की टिकट पर ही चुनाव लड़े. इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इस बार भी वह दूसरे स्थान पर रहे. वर्ष 2017 में वह भाजपा में चले गये. इस तरह भाजपा ने दूसरा लगातार दो बार दूसरे स्थान पर रहनेवाले पारितोष सोरेन को टिकट दिया है.
देवेंद्र कुंवर
देवेंद्र कुंवर को इस बार भाजपा ने जरमुंडी सीट के लिए टिकट दिया है. देवेंद्र कुंवर पहले झामुमो, फिर झाविमो होते हुए इस बार भाजपा से चुनाव लड़ेंगे.
सबसे पहले राज्य गठन के पहले वह झामुमो की टिकट पर विधायक बने थे. फिर वर्ष 2000 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े और जीते. वर्ष 2005 में भाजपा के टिकट पर लड़े, लेकिन हार गये. वर्ष 2009 के चुनाव में वह झामुमो की टिकट पर चुनाव लड़े और हार का सामना करना पड़ा. फिर वर्ष 2014 के चुनाव में झाविमो से उन्होंने चुनाव लड़ा था. इस बार भी वह हारे. इस बार झाविमो छोड़ भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ेंगे.
दानियल किस्कू
दानियल किस्कू ने भी सबसे पहले वर्ष 2009 में लिट्टीपाड़ा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था. बाद में वह झाविमो में अा गये और वर्ष 2014 में झाविमो के प्रत्याशी बने. बार की चुनाव में वह चौथे नंबर पर रहे. बाद में झाविमो छोड़ कर उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया.
मिस्त्री सोरेन
मिस्त्री सोरेन को भाजपा ने महेशपुर विधानसभा सीट के लिए टिकट दिया है. वह हाल ही में झाविमो छोड़ कर भाजपा में आये हैं. शुरू में वह भाजपा में थे. बाद में झाविमो अा गये. झाविमो के टिकट पर वर्ष 2009 में चुनाव लड़ा था और जीते भी. फिर वर्ष 2014 के चुनाव में हार गये. इस बार भाजपा ने उन्हें टिकट दिया है.

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