नयी दिल्ली: बहुप्रतीक्षित करतारपुर कॉरीडोर का उद्घाटन आज होगा. भारत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो वहीं पाकिस्तान की तरफ से पीएम इमरान खान आज इस गलियारे का उद्घाटन करेंगे. आज उद्घाटन के पहले दिन भारत की तरफ से 575 सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था पाकिस्तान में रावी नदी के किनारे बसे करतारपुर स्थित पवित्र स्थल दरबार साहिब गुरुद्वारे का दर्शन करने जाएगा.
भारत की तरफ से पीएम मोदी गुरूदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक पहुंच चुके हैं जहां उनका स्वागत पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंंद सिंह ने किया. पीएम मोदी यहीं से कॉरीडोर का उद्घाटन करेंगे.
मनमोहन सिंह की अगुवाई में जाएगा पहला जत्था
भारत की तरफ से जो पहला जत्था करतारपुर स्थित दरबार साहिब गुरुद्वारा का दर्शन करने जा रहा है उसकी अगुवाई भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कर रहे हैं. उनके साथ इस जत्थे में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर और हरदीप सिंह पुरी, गुरूदासपुर से बीजेपी सांसद और अभिनेता सन्नी देओल भी जा रहे हैं. पूर्व क्रिकेटर और राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू को पाकिस्तान की सरकार ने विशेष आमंत्रण दिया था इसलिए वो भी करतारपुर जाएंगे. बता दें कि पाकिस्तान की तरफ से डॉ. मनमोहन सिंह को उद्घाटन समारोह में शामिल होने का न्योता भेजा गया था लेकिन उन्होंने इससे इंकार कर दिया.
भारत-पाक के संयुक्त प्रयास से हुआ निर्माण कार्य
गौरतलब है कि करतारपुर कॉरीडोर का निर्माण कार्य पिछले साल तब शुरू हुआ जब पाकिस्तान में पूर्व क्रिकेटर इमरान खान प्रधानमंत्री बने. भारत और पाकिस्तान के संयुक्त उपक्रम से निर्मित इस गलियारे की वजह से अब भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिए अपने पहले गुरु नानकदेव से जुड़े पवित्र धर्मस्थल का दर्शन कर पाना आसान हो जाएगा. बता दें कि भारत और पाकिस्तान के संयुक्त उपक्रम से बने इस गलियारे की कुल लंबाई 4.1 किमी है.
डेरा बाबा नानक से दरबार साहिब के बीच गलियारा
आपको बता दें कि करतारपुर कॉरीडोर भारत में पंजाब स्थित डेरा बाबा नानक को पाकिस्तान में रावी नदी के किनारे स्थित करतारपुर के दरबार साहिब गुरुद्वारा से जोड़ेगा. गौरतलब है कि कॉरीडोर बनने से पहले सिख श्रद्धालुओं को दूरबीन की सहायता से सीमापार दरबार साहिब गुरुद्वारा का दर्शन करना पड़ता था. कहा जाता है कि सिखों के पहले गुरू नानकदेव ने अपनी जिंदगी के अंतिम 18 साल यहीं बिताए थे और अपने उपदेशों को गुरू ग्रंथसाहिब में संकलित किया था.
अब सिख श्रद्धालु भी आसानी से कर सकेंगे दर्शन
जानकारी के मुताबिक पिछले 20 साल से भारत के सिख श्रद्धालुओं इस गलियारे के निर्माण की मांग कर रहे थे. लेकिन कश्मीर सहित आतंकवाद के मसले पर दोनों देशों के बीच तनाव के कारण इसका निर्माण नहीं किया जा सका. हालांकि पिछले साल पाकिस्तान का पीएम बनने के बाद इमरान खान ने सकारात्मक रुख दिखाया. बीच में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद एकबारगी ऐसा लगा था कि मामला खटाई में पड़ सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब गलियारा सिख श्रद्धालुओं को उनके आस्था स्थल तक पहुंचाने के लिए तैयार है.
12 नवंबर को मनायी जाएगी गुरू नानकदेव की जयंती
इस कॉरीडोर के जरिए करतारपुर जाने वाले सिख श्रद्धालुओं को 20 डॉलर का भुगतान करना होगा यानी कि भारतीय मुद्रा में 1400 रुपया चुकाना होगा. लेकिन आज उद्घाटन के दिन और 12 नवंबर को गुरूनानक देव की जयंती के दिन इसका भुगतान नहीं करना होगा. यहां जाने के लिए सिखों को पाकिस्तान से वीजा की जरूरत नहीं होगी, हालांकि उन्हें अपना पासपोर्ट ले जाना होगा. साथ ही नागरिकता प्रमाणित करने वाले वैध पहचान पत्र की जरूरत भी होगी.