पूर्णिया:बिहार के पूर्णिया में गुलाबबाग के सुनौली चौक पर मंगलवार को दिनदहाड़े नकाबपोश दो बदमाशों ने एक किन्नर गुरु की गोली मारकर हत्या कर दी. यह घटना सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे तब हुई, जब किन्नर पास के किसी घर में बच्चे के जन्म के बधाई गीत गाने जा रहे थे.
मृत किन्नर मुस्कान अररिया के इस्लामपुर वार्ड नंबर 27 का रहनेवाला है और यहां खुश्कीबाग स्थित चौहान टोला में रहता था. घटना की सूचना मिलते ही सदर थानाध्यक्ष जितेंद्र राणा और नाका प्रभारी सुभाष कुमार सदलबल घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की तहकीकात किये. पुलिस ने पास के एक मोबाइल दुकान में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला. हत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है. घटनास्थल से लौटने के बाद सदर एसडीपीओ आनंद कुमार पांडे ने बताया कि मामले की तहकीकात की जा रही है. अभी तक हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है. पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है.
प्रत्यक्षदर्शी किन्नर काजल ने बताया कि वह मंगलवार को अपने गुरु मुस्कान के साथ सुनौली चौक के पास एक घर में बच्चे के जन्म होने पर बधाई गीत गाने जा रहे थे. हमलोग सुनौली चौक पर ऑटो से उतरकर पैदल जा रहे थे. इसी बीच एक बाइक पर सवार दो नकाबपोश युवक काफी नजदीक से गुरु मुस्कान को गोली मार दी और जीरोमाइल की तरफ भाग निकले. गोली मुस्कान की कनपट्टी में लगी. गोली लगते ही वह वहीं गिर पड़ा. बाद में खून से लथपथ मुस्कान को लोगों की मदद से सदर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. काजल का कहना है कि नाचने-गाने वालों से किसी को क्या दुश्मनी होगी, यह उसकी समझ से परे है.
पिछले डेढ़ सालों से चल रहा था विवाद
किन्नर गुरु मुस्कान की हत्या के पीछे क्या राज छिपा है? किसने गोली मारी और क्यों मारी? घटना के बाद इन चंद सवालों का जवाब ढूंढने में पुलिस जुट गयी है. आमलोग भी अचरज में हैं कि आखिर नाचने-गाने वाले इन किन्नरों ने आखिर एेसा क्या गुनाह कर दिया कि उन्हें इस रूप में सजा दी गयी. फिलहाल पुलिस अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है. तथ्य जुटाने के दौरान एक बात सामने आयी है कि पिछले एक-डेढ़ सालों से पमरिया और किन्नरों के बीच गहरा विवाद चल रहा था. विवाद का कारण बधाई गीत को लेकर था.
पमरिया समाज का कहना था कि बच्चे के जन्म के बाद बधाई गीत गाने का पहला हक उनका है, लेकिन इधर कुछ सालों से किन्नरों के पहले पहुंच जाने से उसका हक मारा जा रहा है. इससे पमरिया समाज को आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ रही है. मामला जब नहीं सुलझा, तो करीब एक माह पूर्व खुश्कीबाग में पंचायत बुलायी गयी. कहते हैं कि पंचायत स्थानीय गण्यमान्य और पार्षदों की मौजूदगी में हुई. दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद पंच ने फैसला सुनाया. पंचों के फैसले में कहा गया कि बधाई गीत गाने का पहला हक किन्नरों का है, इसलिए किन्नर के बाद ही पमरिया किसी के घर जा सकते हैं. कुछ जानकार लोग इस घटना को इस विवाद से जोड़कर देख रहे हैं. हालांकि जांच के बाद ही सही तथ्य सामने आयेगा.
कैमरे में कैद हुई वारदात
सीसीटीवी के कैमरे में पूरी घटना कैद हो गयी है. पुलिस उस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हत्यारे तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. मोबाइल दुकान से उपलब्ध वारदात के विजुवल में यह साफ दिख रहा है कि अपराधियों ने मुस्कान की कनपटी में गोली मारी. गोली लगते ही वह सड़क पर गिर पड़ा. इस दौरान गोली चलाने वाला अपराधी भी बाइक से नीचे उतरा और फिर बाइक पर सवार होकर चलता बना. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मुस्कान को गोली मारने के बाद अपराधी जीरोमाइल की तरफ भाग निकले. बाइक पर सवार अपराधियो में एक ने हेमलेट पहन रखा था, जबकि पीछे बैठा शख्स नकाब पहने हुए था.
चौहान टोला में है किन्नरों का ठिकाना
किन्नर काजल ने बताया कि वे लोग मूलत: हरियाणा के वाशिंदा हैं. रोजी-रोटी की तलाश में उनके पूर्वज यहां पहुंच गये. अब तो वे लोग यहीं काफी सालों से रहते आ रहे हैं. यहां चौहान टोला में अपनी पुश्तैनी जमीन है. लगभग एक दर्जन किन्नर यहां रहकर अपनी परवरिश करते हैं. काजल का कहना है कि छोटे-मोटे विवाद तो होते ही रहते हैं, लेकिन एेसा कोई विवाद नहीं हुआ, जो जान का दुश्मन बन जाये. किन्नर समाज में यह पहली घटना है. इस घटना के बाद किन्नरों में दहशत व्याप्त हो गया है.