11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कहीं आप भी मुंह के छालों से परेशान तो नहीं, जानें इसके कारण व उपचार

डॉ राहुल अग्रवाल इएनटी विशेषज्ञ, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, वैशाली मुंह में छाले होना एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है. अधिकतर मामलों में कुछ दिनों में ये अपने आप ही ठीक हो जाते हैं. लेकिन कई लोग अक्सर होने वाले मुंह के छालों से परेशान रहते हैं. इनमें बहुत दर्द भी होता है और कई बार […]

डॉ राहुल अग्रवाल
इएनटी विशेषज्ञ, मैक्स सुपर स्पेशलिटी
अस्पताल, वैशाली
मुंह में छाले होना एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है. अधिकतर मामलों में कुछ दिनों में ये अपने आप ही ठीक हो जाते हैं. लेकिन कई लोग अक्सर होने वाले मुंह के छालों से परेशान रहते हैं. इनमें बहुत दर्द भी होता है और कई बार यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि बोलने और खाने में भी परेशानी होती है. वैसे 25-35 वर्ष के आयुवर्ग के लोगों को यह समस्या अधिक होती है, लेकिन ऐसा नहीं है किसी को किसी भी उम्र में मुंह में छाले नहीं हो सकते हैं.
क्यों होती है यह समस्या : मुंह के छालों को माउथ सोर्स या माउथ अल्सर्स भी कहते हैं. ये छोटे-छोटे छाले होते हैं, जो मुंह के मुलायम उत्तकों या मसूड़ों पर विकसित हो जाते हैं. कई बार जबान या तालू के नीचे भी विकसित हो जाते हैं.
ये संक्रामक नहीं होते हैं, लेकिन इनमें तेज दर्द हो सकता है, जिससे खाने और बोलने में परेशानी हो सकती है. ये अधिकतर गोल या अंडाकार होते हैं, इनका केंद्र सफेद या पीला होता है और इनकी बॉर्डर लाल होती है. छाले विकसित होने से एक या दो दिन पहले जलन या झुनझुनी महसूस हो सकती है. गंभीर अल्सर के कारण खाने-पीने में काफी परेशानी होती है, बोलने में भी दर्द होता है. इनके साथ तेज बुखार भी आ सकता है. दर्द तंत्रिकाओं के कारण होता है, जो मुख गुहा के सतह की सबसे बाहरी परत पर होती है, जो एक खुला और अल्सरयुक्त गड्ढा बनने से एक्सपोज हो जाती है.
कुछ आम लक्षण : अधिकतर मामलों में मुंह के छालों से थोड़ी लालीपन और दर्द की समस्या होती है, विशेष रूप से खाते और पीते समय. इसके कारण छालों के आसपास जलन या झुनझुनी की संवेदना महसूस होती है. मुंह में इनके आकार, गंभीरता और स्थिति के आधार पर खाना, पीना, निगलना, बोलना या सांस लेना कठिन होता है. छाले, फोलों में भी बदल सकते हैं. कुछ लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं, जैसे- रैशेज हो जाना, जोड़ों में दर्द, डायरिया, बुखार आना आदि.
मुंह के छालों के कारण
मुंह के छाले कई कारणों से होते हैं. दैनिक जीवन की मामूली गलतियों से लेकर गंभीर बीमारियों के कारण.
आमतौर पर मुंह के छाले विकसित हो सकते हैं, अगर बोलने या खाना खाने में आपके होंठ, जीभ या गाल कट जाये.
अत्यधिक गर्म चीज खाने या पीने से मुंह जल जाये.
मुंह के डेंचर या ब्रेसेस से जलन अनुभव होना.
अत्यधिक रगड़ कर दांत साफ करना या कड़े ब्रश वाले टूथब्रश इस्तेमाल करना.
बैक्टीरिया, वायरस और फंगस का संक्रमण.
कॉफी का अधिक मात्रा में सेवन.
तंबाकू, पान या गुटखा आदि का सेवन.
तनाव या इम्यून तंत्र का कमजोर होना : कभी-कभी, मुंह में छाले कुछ मामलों में प्रतिक्रिया स्वरूप भी हो सकते हैं, जैसे- दवाइयों के साइड इफेक्ट्स, जिंजिवाइटिस, रेडिएशन एंड कीमोथेरेपी, ऑटो इम्यून डिसआर्डर, कैंसर, एड्स या हाल में हुए अंग प्रत्यारोपण के कारण इम्यून तंत्र के कमजोर हो जाने से. तनाव या किसी बीमारी के कारण इम्यून तंत्र कमजोर हो जाने से भी समस्या होती है. इनके अलावा कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं- हार्मोन के स्तर में परिवर्तन, विटामिनों की कमी (जैसे- फोलेट, बी12 और विटामिन सी), आंतों से संबंधित समस्याएं, जैसे- क्रोहन डिजीज या इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आइबीएस).
ऐसे में डॉक्टर से तुरंत करें संपर्क
छाले असामान्य रूप से बड़े (एक इंच से बड़े) हो जाएं, बार-बार छाले हो जाते हों, पुराने ठीक हों, उसके पहले नये हो जाएं, दो से अधिक सप्ताह तक रहें, तेज दर्द हो, खाने या पीने में बहुत परेशानी हो, छालों के साथ तेज बुखार की समस्या हो, तो डॉक्टर को दिखाने में बिल्कुल देर न करें. ये किसी गंभीर बीमारी के संकेत हो सकते हैं.
सामान्य समस्या में घरेलू उपाय
इस समस्या से बचने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों और मौसमी फलों का नियमित सेवन करें. इनमें मौजूद विटामिंस और पोषक तत्व शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं, इससे छालों की समस्या नहीं होती.
कुछ अन्य उपाय हैं
छालों पर बर्फ लगाएं, इससे आराम मिलेगा.
छालों पर बेकिंग सोडा और पानी का लेप लगाएं.
नारियल तेल में शहद मिला कर रूई की मदद से छालों पर लगाएं. दोनों में एंटी बैक्टीरियल विशेषताएं होती हैं. यह नमी बनाये रखता है, जख्म बढ़ने नहीं देता और नये उत्तकों के विकास की प्रक्रिया तेज कर देता है.
हल्दी में एक चम्मच ग्लिसरीन मिला कर छालों पर लगाएं. थोड़ा-सा नारियल चबाना भी राहत देता है.
ग्लिसरीन में भुनी हुई फिटकरी मिला कर रूई की सहायता से छालों पर लगाएं और लार टपकने दें, इससे छाले चले जायेंगे.
एलोवेरा के जूस या जेल को छालों वाली जगह पर लगाने से काफी आराम मिलता है.
अंजीर के पत्तों में कई विटामिन और मिनरल्स पाये जाते हैं. यह सूजन को कम करने में काम आते हैं.
उपचार की प्रक्रिया
मामूली छाले प्राकृतिक रूप से 10-15 दिन में अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन अगर ये तीन सप्ताह तक ठीक नहीं हों, तो फिर उपचार की आवश्यकता पड़ती है. उपचार समस्या की गंभीरता के आधार पर किया जाता है. सूजन और दर्द को कम करने के लिए माउथवाॅश, पेस्ट, क्रीम या जेल दिये जाते हैं.
अगर मुंह में होने वाले छालों का कारण मिनरल्स और विटामिंस की कमी है, तो फोलेट (फॉलिक एसिड), विटामिन बी6, बी12 या जिंक के सप्लीमेंट्स लेना जरूरी हो जाते हैं. अगर ये किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के कारण है, तो दवाइयां दी जाती हैं और दूसरे जरूरी उपचार किये जाते हैं. अगर मुंह के छाले माउथ कैंसर के कारण हुए हैं, तो इस आशंका में सबसे पहले बायोप्सी की जाती है, इसके पश्चात सर्जरी या कीमोथेरेपी की जरूरत पड़ती है.
रोकथाम के कदम
गर्म और मसालेदार भोजन का सेवन न करें. इससे छाले में जलन व चुभन हो सकती है.
स्वस्थ और पोषक भोजन का सेवन करें, जो विटामिन बी, सी और जिंक से भरपूर हों.
माउथ अल्सर में बैक्टीरिया का संक्रमण तेजी से होता है, इसलिए मुंह को साफ रखें, एंटी बैक्टीरियल माउथवाॅश का इस्तेमाल करें.
ऐसे टूथपेस्ट का प्रयोग न करें, जिसमें कड़े रसायन जैसे सोडियम लॉरेल सल्फेट हो.
अपने तनाव के स्तर को कम करें, ऐसी गतिविधियां अपनाएं जो आपको रिलेक्स करें, जैसे- योगासन, ध्यान या एक्सरसाइज.
गर्म, मसालेदार, नमकीन, खट्टे और अत्यधिक शुगर वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें.
तंबाकू और सुपारी का सेवन न करें.
अपनी डाइट में ताजे फलों और कच्ची सब्जियों को जरूर शामिल करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें