नयी दिल्ली : दूषित हवाओं की धुंध से घिरी दिल्ली और आसपास के इलाकों को वायु प्रदूषण से प्रभावी राहत के लिए सात नवंबर तक पश्चिमी विक्षोभ का इंतजार करना होगा. हालांकि, हवा की गति में रविवार रात से मामूली इजाफे के कारण फौरी तौर पर अगले तीन दिनों में प्रदूषण से थोड़ी बहुत राहत मिलने की क्षीण संभावना है. मौसम विभाग ने वातावरण में घुले दूषित तत्वों को दिल्ली के वायुमंडल से दूर धकेलने में हवा का मौजूदा रुख सक्षम नहीं होने के कारण वायु प्रदूषण के संकट से छह नवंबर तक प्रभावी राहत मिलने की संभावना से इनकार किया है.
विभाग की उत्तर क्षेत्रीय पूर्वानुमान इकाई के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पिछले 24 घंटों में हुई छिटपुट बूंदाबांदी ने रविवार को वायु प्रदूषण के संकट को गहरा दिया. दिल्ली में रविवार को सुबह 11 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 483 दर्ज किया गया, जबकि शनिवार को हवा की गति मामूली रूप से बढ़ने तथा हल्की बारिश होने से प्रदूषण स्तर कम हुआ और शाम को एक्यूआई 399 पर आया था.
डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि सामान्य या तेज बारिश और हवा में घुले दूषित तत्वों को वायुमंडल से बाहर धकेलने में सक्षम होती है, लेकिन हल्की बूंदाबांदी में दूषित कण वायुमंडल में व्याप्त नमी के साथ मिलकर धुंध की परत को गहरा देते हैं. इसकी वजह से हवा की गुणवत्ता में गिरावट आना तय है. दिल्ली एनसीआर को वायु प्रदूषण से राहत देने के लिए, मौसम के प्रतिकूल रवैये में मामूली सुधार की संभावना व्यक्त करते हुए डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि रविवार को हवा की गति में लगभग तीन किमी प्रतिघंटा की मामूली बढ़ोतरी हुई है.
उन्होंने बताया कि सोमवार को हालांकि सुबह हल्का कोहरा होने के कारण वायु प्रदूषण की परेशान बढ़ेगी, लेकिन दिन में धूप निकलने और हवा की गति 18 से 20 किमी प्रतिघंटा होने की उम्मीद को देखते हुए दोपहर तक प्रदूषण से हल्की राहत मिल सकती है. डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि मौसम का यह मिजाज बुधवार तक बरकरार रहने की संभावना है.
उन्होंने बताया कि छह नवंबर को हिमालयी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश के उत्तर पश्चिमी इलाकों में सामान्य से तेज बारिश की संभावना है. इसके बाद सात नवंबर को पश्चिमी विक्षोभ का असर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और आसपास के इलाकों तक पहुचंने के कारण इन क्षेत्रों में तेज हवा के साथ बारिश की उम्मीद है.
उन्होंने माना कि इससे हालांकि तापमान में गिरावट के साथ कोहरे में बढ़ेातरी होगी, लेकिन हवा की गति में सुधार के कारण वातावरण में घुले दूषित तत्वों से दिल्ली एनसीआर क्षेत्र को सात नवंबर से प्रभावी राहत मिल सकेगी.