नहाय-खाय के साथ ही लोक आस्था के पर्व छठ का आगाज हो रहा है. इस पर्व में सबसे अधिक सुचिता का ख्याल रखा जाता है़ कहते हैं कि सूर्य देव सब की प्रति एक समान श्रद्धा रखते हैं. अमीर हो या गरीब, सभी को उनके प्रति सच्ची श्रद्धा है.
एक हिंदू की सबसे निम्न जाति से लिया गया सूप और कुम्हार के यहां बनी मिट्टी के बरतन का उपयोग व्रत में किया जाता है़ सूर्यदेव जाति, धर्म, ऊंच-नीच में भेदभाव नहीं रखते़ वे सभी के प्रति एक समान व्यवहार रखते हैं. सूर्य पूजा का सही मायने में अर्थ है समानता की भावना को प्रदर्शित करना. छठ में सुचिता व सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है़ इस पर्व को मनाने के साथ हमलोगों को सफाई के प्रति संकल्प लेना चाहिए़
आनंद पांडेय, रोसड़ा (समस्तीपुर)