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झारखंड के खूंटी जिले में टाटा समूह की पहल से बढ़ी महिला किसानों की आमदनी

रांची : झारखंड के खूंटी जिले के आदिवासी इलाके में पिछले साल तक महिला किसानों को टमाटर औने पौने दामों बेचना पड़ता था. इस साल बदली स्थिति से उनके चेहरों पर खुशी है. खेती के बेहतर तौर तरीके अपनाने तथा किसान उत्पादक संस्था के माध्यम से उपज की बिक्री से महिला किसानों को टमाटर के […]

रांची : झारखंड के खूंटी जिले के आदिवासी इलाके में पिछले साल तक महिला किसानों को टमाटर औने पौने दामों बेचना पड़ता था. इस साल बदली स्थिति से उनके चेहरों पर खुशी है. खेती के बेहतर तौर तरीके अपनाने तथा किसान उत्पादक संस्था के माध्यम से उपज की बिक्री से महिला किसानों को टमाटर के लिए कम से कम 75 प्रतिशत अधिक की कमाई हो रही है.

बारिश के मौसम के दौरान टमाटर की फसल पर कीट पतंगों के आक्रमण और बीमारी के प्रकोप को नियंत्रित करने के उपायों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से इन महिला किसानों को बहुत लाभ हुआ है. उनकी खेती की उपज बढ़ी है, दाम अच्छे मिल रहे हैं. इस समय उनको टमाटर के लिए 35 रुपये प्रति किलोग्राम का भाव मिल रहा है. पिछले साल भाव 15-20 रुपये का था.

टाटा ट्रस्ट और उसके कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) भागीदारों द्वारा प्रदान की गयी विस्तार सेवाएं, जैसे ई एंड वाई फाउंडेशन ने समग्र उत्पादन बढ़ाने में मदद की है. लगभग 5,000 लोगों की आबादी वाले मुरहू प्रखंड में मार्च 2018 में मुरुहूनारी शक्ति फार्मर्स प्रोड्यूसर्स कंपनी (एमएसएफपीसी) की स्थापना की गयी है. इससे स्थानीय कृषकों को टमाटर के बेहतर विपणन और अच्छा मूल्य प्राप्त करने में मदद मिली है.

एमएसएफपीसी के अध्यक्ष दयामणि नाग ने कहा, ‘पहले, महिला किसान अपनी उपज को स्थानीय बाजार में औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर होती थीं. अब वे अब एमएसएफपीसी को टमाटर बेच रही हैं. संस्था उसे थोक में व्यापारियों को बेचती है.’ उन्होंने कहा कि चालू खरीफ सत्र में, एमएसएफपीसी ने सदस्य किसानों से 104 टन से अधिक टमाटर खरीदे हैं.

दिसंबर तक लगभग 1,000 टन टमाटर खरीदने का लक्ष्य है. मुरहू प्रखंड के आदिवासी महिला उत्पादकों के जीवन में परिवर्तन मुख्य रूप से टाटा ट्रस्ट की ‘लखपति किसान’ पहल के कारण संभव हुआ, जिसे नोडम एजेंसी-एकीकृत आजीविका पहल (सीएलएनएल) द्वारा लागू किया गया था. टाटा ट्रस्ट-सीएलएनएल के क्षेत्रीय प्रबंधक (झारखंड) सिरसेन्दु पॉल ने कहा कि लखपति किसान 2020 मिशन का उद्देश्य, आर्थिक सशक्तिकरण और आदिवासी समुदाय के जीवन स्तर में सुधार लाने के जरिए आदिवासी उत्पादकों के जीवन में स्थायी परिवर्तन लाना है.

व्यक्तिगत किसानों को प्रशिक्षित करने के अलावा, टाटा ट्रस्ट्स-सीएलएनएल ने किसानों को पॉलीहाउस स्थापित करने में मदद देकर उद्यमियों को प्रोत्साहित किया है. ईटीआई फाउंडेशन के राष्ट्रीय निदेशक (सीएसआर) श्रीधर अय्यर ने कहा, ‘हमने खूंटी जिले के मुरहू ब्लॉक के मॉडल को झारखंड के चार जिलों में लागू किया. हम इन जिलों में भी काम आगे बढ़ा रहे हैं.’

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