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पटना : दो कमरों का क्लास रूम, फिर भी परीक्षा में पास होने की गारंटी
प्रहलाद 60% आइटीआइ मान्यता को नहीं करती पूरी श्रम विभाग सिर्फ मान्यता रद्द करने की करता है बात पटना : राज्यभर में 80% प्राइवेट आइटीआइ दो कमरों में चल रहा है. अकेले पटना के कई इलाकों में चलने वाले आइटीआइ की जानकारी विभाग को भी है. विभाग हर बार मानक को पूरा नहीं करने वाले […]
प्रहलाद
60% आइटीआइ मान्यता को नहीं करती पूरी
श्रम विभाग सिर्फ मान्यता रद्द करने की करता है बात
पटना : राज्यभर में 80% प्राइवेट आइटीआइ दो कमरों में चल रहा है. अकेले पटना के कई इलाकों में चलने वाले आइटीआइ की जानकारी विभाग को भी है. विभाग हर बार मानक को पूरा नहीं करने वाले प्राइवेट आइटीआइ की मान्यता को रद्द करने का दावा करता है, लेकिन अब तक किसी आइटीआइ सेंटर की मान्यता रद्द नहीं की गयी है. आइटीआइ को चला रहे लोग छात्रों को बिना पढ़ाई किये पास होने की गारंटी देते है और यह धंधा राज्य के जिलों में खुलकर चल रहा है.
पुराने आइटीआइ को मान्यता कैसे मिली : बिहार में बुनियादी सुविधाओं के बगैर धड़ल्ले से सैंकड़ों प्राइवेट आइटीआइ चल रहे है. इन आइटीआइ केंद्रों पर जांच करने के लिये श्रम संसाधन विभाग ने आइटीआइ का पेपर विभाग में खोजा, तो अधिकांश का पेपर नहीं मिला है. इसके बाद श्रम संसाधन मंत्री ने सभी आइटीआइ को निर्देश दिया है कि वह सेंटर खोलने के वक्त जितने भी पेपर केंद्र सरकार के पास जमा कराया था, उसे विभाग को दें. या पोर्टल पर डाल दे, ताकि सभी प्राइवेट आइटीआइ की जांच नियमानुसार हो सके, लेकिन निर्देश देने के बाद किसी ने पेपर उपलब्ध नहीं कराया है.
अधिकारियों पर कार्रवाई की होती है बस बात : विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अधिकांश के पास अपना जमीन और भवन तक नहीं है. यहां तक की दो से पांच रूम और शेड में आइटीआइ चलाया जा रहा है. ऐसे में उन पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात होती है, जिन्होंने आइटीआइ गलत ढंग से खोलने में सेंटर मालिकों का सहयोग किया है. इस मामले में भी सालों से कार्रवाई करने की बात होती है,
– भवन में बिल्डिंग बाइलॉज का पालन करना होगा.
– दो सौ प्रशिक्षणार्थी के लिए गांव में कम से कम दो एकड़ और शहरी इलाके में सवा एकड़ जमीन जरूरी होगी. लीज पर जमीन लेने पर वह 10 साल के लिए हो.
– छत पक्की या इंडस्ट्रीयल शीट की हो. प्राचार्य कक्ष, रिसेप्शन, प्रशासनिक कक्ष, स्टाफ रूम व काउंसेलिंग रूम, लाइब्रेरी, कैंटीन, पेयजल, फर्स्ट एंड की सुविधा और खेल का मैदान अनिवार्य कर दिया गया है.
– पार्किंग, एटीएम, सीसीटीवी और अगलगी, भूकंप सहित अन्य आपदा से बचाव की व्यवस्था रखनी होगी.
– मकदुमपुर बगीचा के पास आइटीआइ में पढ़ने वाले छात्र ने कहा कि उसका नामांकन इलेक्ट्रिशियन ट्रेड में हुआ है. कोर्स के लिए तीस हजार देना है. पढ़ाई के लिए क्लास की संख्या पांच है, तीन बंद रहता है. प्रैक्टिकल की कोई व्यवस्था नहीं है. अन्य छात्र ने कहा कि पढ़ाई के नाम पर कुछ नहीं है.
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