कोलकाता : मां काली का सबसे बड़ा मंदिर दक्षिणेश्वर काली मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है, जो हुगली नदी के तट पर स्थित है. यह मुख्यत: बंगालियों के अध्यात्म का प्रमुख केंद्र माना जाता है. साथ ही देश विदेश से काली मां के भक्त भारी संख्या में दर्शन करने यहां आते हैं. कालीपूजा के अवसर पर पूजा से पूर्व ही मंदिर के सजावट की तैयारी जोरशोर से की जा रही है. मंदिर के चारो तरफ से लेकर मंदिर परिसर में भी साज-सजावट के साथ ही लाइटिंग की अधिक बेहतर व्यवस्था की गयी है. कालीपूजा के दौरान दक्षिणेश्वर मंदिर में लोग दूर-दूर से मां के दर्शन के लिए आते हैं.
दक्षिणेश्वर अद्यापीठ में भी तैयारी जोरशोर पर
इसके साथ ही दक्षिणेश्वर रामकृष्ण संघ आद्यापीठ की ओर से दक्षिणेश्वर आद्यापीठ के नाट्य मंदिर ऑडिटोरियम से लेकर पूरे आस-पास इलाके को भी सजाया गया है. काली मंदिर के अलावा अद्यापीठ मंदिर इस दिन सारे रात मंदिर खुले रहते है लेकिन मां काली की अलग से कोई प्रतिमा नहीं होती है बल्कि इस दिन आद्या मंदिर में मां आद्या की ही पूजा होती है.
प्रति वर्ष की भांति ही इस साल और अधिक तैयारी चल रही है. बड़े उत्साह के साथ तरह-तरह के कार्यक्रमों के आयोजन की योजना है. कालीपूजा के अवसर पर दक्षिणेश्वर आद्यापीठ विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है. सुबह विधिवत रूप से पूजा-पाठ की शुरुआत होती है और शाम को भी कई कार्यक्रम होते हैं.