रांची : झारखंड की रघुवर दास सरकार ने दिवाली से ठीक एक दिन पहले आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को मानदेय में वृद्धि की सौगात दी. मोरहाबादी मैदान में आयोजित श्रम सम्मान समारोह एवं दत्तोपंत ठेंगड़ी रोजगार मेला में शनिवार को मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी सेविकाओं के मानदेय में 500 रुपये और सहायिकाओं के मानदेय में 250 रुपये प्रति माह की वृद्धि का एलान किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को सम्मानित किया और रोजगार मेला में नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भी सौंपा.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह हम सत्यमेव जयते कहते हैं, उसी प्रकार ‘श्रममेव जयते’ भी कहना चाहिए. उन्होंने कहा कि श्रम बड़ी पूंजी है. इसके बिना हम कोई निर्माण कार्य नहीं कर सकते. पूंजी बढ़ाने और राज्य को समृद्धशाली बनाने के लिए श्रम की बड़ी भूमिका है, इसको नकारा नहीं जा सकता. अगर ये मजदूर और सफाईकर्मी नहीं होते, तो अपना झारखंड स्वच्छ नहीं रहता. हमारे शहर को स्वच्छ बनाने वाले और निर्माण में महती भूमिका निभनेवालों को इस दीपावली सरकार ने उपहार स्वरूप पुरुषों को पैंट-शर्ट का कपड़ा और महिलाओं को साड़ी और ब्लाउज देने का निर्णय लिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी को पैंट-शर्ट की सिलाई के लिए 500 रुपये एवं ब्लाउज की सिलाई के लिए 100 रुपये श्रम विभाग देगा. श्रमिकों को ठंड से बचाने के लिए सरकार की ओर से स्वेटर भी मिलेगा. श्री दास ने कहा, ‘गरिमामय जीवन आप जी सकें, यही सरकार का लक्ष्य है. सिर्फ 8 प्रतिशत संगठित मजदूरों की आवाज उनकी यूनियन हैं, जबकि 92% असंगठित मजदूरों की आवाज कोई नहीं है. ऐसे मजदूरों की आवाज सरकार बनेगी. सरकार आपको अपने परिवार का हिस्सा मानती है.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि असंगठित मजदूरों को भवन निर्माण विभाग से जोड़ने हेतु 3 दिन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि आप अर्द्धकुशल मजदूर का दर्जा प्राप्त करें. इससे आपके मेहनताना में तत्काल 500 रुपये की वृद्धि हो जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सफाईकर्मियों को लोग हेय दृष्टि से देखते हैं. समाज को अपनी सोच बदलने की जरूरत है. उन्हें सोचना होगा कि अगर ये सफाईकर्मी नहीं होते, तो हमारा शहर, हमारा राज्य गंदगी से पट जाता. ये भी भारत माता की संतान हैं, इनकी चिंता भी सभी को करनी चाहिए.
सिर्फ एक महीना में 13 लाख असंगठित मजदूरों का निबंधन हुआ
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य बनने के बाद 18 सालों में 13 लाख असंगठित मजदूरों का निबंधन हुआ था. यह आंकड़ा 18 वर्ष का है. लेकिन, वर्तमान सरकार ने असंगठित मजदूरों के निबंधन का काम शुरू किया. मात्र एक माह में 13 लाख असंगठित मजदूरों का निबंधन हो चुका है. नये और पुराने मजदूरों को मिलाकर निबंधित मजदूरों की संख्या 26 लाख हो चुकी है. छूटे हुए श्रमिक अपना निबंधन शीघ्र करा लें.
मुख्यमंत्री श्री दास ने श्रम विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे भी घूम-घूम कर ऐसे श्रमिकों का निबंधन करना सुनिश्चित करें. क्योंकि इन मजदूरों में आदिवासी, दलित, शोषित, वंचित लोग हैं. यह विभाग गरीबों के कल्याण के लिए ही कार्य कर रहा है, इस बात को समझने की जरूरत है. सभी असंगठित मजदूरों को योजना का लाभ दें. उनके बच्चों को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनायें, ताकि उन्हें रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ा जा सके.