समस्तीपुर : गुरुवार की रात जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में व्यवस्था के नाम पर जो घटना दोहरायी गयी, उससे अधिक शर्मनाक व्यवस्था की परिकल्पना भी नहीं हो सकती है. अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि उस मनोहर महतो पर क्या गुजरी होगी. जिसके 30 साल के जवान बेटे सुनील महतो की गुरुवार की शाम दलसिंहसराय में सड़क दुर्घटना में एक वाहन से कुचलकर मौत हो गयी थी.
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल तो भेज दिया, लेकिन उसे परिजनों के हवाले नहीं किया. अस्पताल में चार घंटे बाद करीब नौ बजे रात में पोस्टमार्टम हुआ. परिजनों के अनुसार पोस्टमार्टम करने वाले कर्मियों ने शव को सौंपने के एवज में आठ हजार रुपये (व्यवस्था के नाम पर वसूली जा रही अवैध राशि) की मांग की. उस समय उसके पास मात्र 15 सौ रुपये ही थे. उसे देने के बावजूद पूरी रकम नहीं मिलने पर रात भर उसके बेटे का शव नहीं सौंपा गया.बताया जाता है कि परिजन शव को घर ले जाने के बाद वहां से रुपये की व्यवस्था कर एंबुलेंस के साथ भेजने का आग्रह किया था.