नयी दिल्लीः हरियाणा विधान चुनाव के नतीजों और आ रही सरकार को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है. मतगणना के दौरान ऐसा लग रहा था कि जेजेपी के दुष्यंत चौटाला किंगमेकर बनेंगे मगर, मतगणना के बाद 10 सीट आने के कारण समीकरण ही बदल गए. भाजपा को 40 सीटें जबकि कांग्रेस को 30 सीटें मिलीं. भाजपा को बहुमत के लिए 46 सीटों के लिए यह जरूरी था कि निर्दलीय प्रत्याशियों को अपने पाले में करे. इसी दौरान एक नाम नेता का नाम तेजी से उभरा जो देखते ही देखते सोशल मीडिया में ट्रेंड करने लगा.
इस नाम को भाजपा का संकटमोचक कहा जाने लगा. उस नेता का नाम था गोपाल कांडा. गोपाल कांडा हरियाणा लोकहित पार्टी के उम्मीदवार गोपाल कांडा ने सिरसा से जीत दर्ज की है. जीत के तत्काल बाद कांडा ने बहुमत के जादुई आंकड़े से छह कदम दूर रहकर संकट में फंसी भाजपा का बिना शर्त समर्थन करने की घोषणा कर दी.
विधानसभा चुनाव नतीजों में भाजपा को कुल 40 सीटें मिली लेकिन सत्ता में पहुंचने के लिए 46 का जादुई नंबर चाहिए. ऐसे में अब सरकार बनाने के लिए 6 विधायकों की जरूरत है और भाजपा ने अन्य विधायकों से संपर्क करना शुरू कर दिया है. इसी संपर्क में एक ऐसा नाम सामने आया है, जो कभी विवादों का हिस्सा था और जिसपर हरियाणा में राजनीतिक बवाल हो चुका है.
गोपाल कांडा अब हरियाणा में किंगमेकर बनकर सामने आए हैं. हरियाणा लोकहित पार्टी के उम्मीदवार गोपाल कांडा ने सिरसा से जीत दर्ज की है, लेकिन उनकी इकलौती सीट हरियाणा की सत्ता में अहम भूमिका निभाने जा रही है. गुरुवार को नतीजों के बाद गोपाल कांडा, एक अन्य विधायक रंजीत सिंह चौटाला एक चार्टड प्लेन से दिल्ली के लिए रवाना हुए.
यहां उन्होंने बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की, इसी के साथ ये भी तय हो गया कि वह भाजपा को समर्थन देने जा रहे हैं. उनके साथ पांच अन्य र्निदल विधायकों ने भाजपा को समर्थन का एलान कर दिया है.
कौन हैं गोपाल कांडा?
गोपाल कांडा का नाम एक बार फिर से सुर्खियों में है. कांग्रेस सहित आम लोग भी गोपाल कांडा के बीजेपी में शामिल होने पर सवाल उठा रहा है. और बीजेपी से पूछ रहे हैं कि गोपाल कांडा जैसे लोगों के साथ सरकार बनाकर बीजेपी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की हंसी उड़ा रही है. क्योंकि, एयरहोस्टेस दीपिका शर्मा की आत्महत्या के मामले में कांडा जेल की सलाखों के पीछे जा चुके हैं.
उनके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चल रहा है और वह इस समय जमानत पर बाहर हैं. गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा ने कहा है कि वह बीजेपी के साथ आ रहे हैं और उनके साथ 5-6 विधायक भी सरकार के साथ आ सकते हैं. ऐसे में अब चर्चा इस बात की चल रही है कि क्या गोपाल कांडा हरियाणा की सरकार में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा भी हो रही है कि क्या गोपाल कांडा राज्य सरकार में मंत्री बनने जा रहे हैं? या सरकार में अहम भूमिका में होंगे.
2009 में चर्चा में आया था नाम
करीब एक दशक पहले हरियाणा की राजनीति में ‘पावर ब्रोकर’ का तमगा पाने वाले गोपाल कांडा ने सत्ता के गलियारे में अपनी पैठ फिर से बनाते दिख रहे हैं.कांडा के इस कदम की तुलना 2009 के घटनाक्रम से की जा सकती है, जब निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीते कांडा ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस को समर्थन देकर सरकार गठन में अहम भूमिका निभाई थी.
इसके इनाम में हुड्डा ने कांडा को कैबिनेट मंत्री के तौर पर सरकार में शामिल किया था. हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव में हरियाणा लोकहित पार्टी का गठन कर राज्य की सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाले गोपाल कांडा को बुरी तरह पटखनी खानी पड़ी थी और उसकी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. इनेलो अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला के करीबी वकील मुरलीधर कांडा के घर 1965 में जन्मे गोपाल 10वीं कक्षा में स्कूल ड्रॉपआउट हो गया था.
इसके बाद उसने रेडियो ठीक करने का काम शुरू किया. लेकिन मंत्री बनने के बाद उसने एमडीएलआर एयरलाइंस शुरू की थी. इसी एयरलाइंस की एक पूर्व एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप कांडा पर लगा हुआ है. बाद में गीतिका की मां ने भी आत्महत्या कर ली थी और इसका भी आरोप कांडा पर ही लगा था.