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प्रथम अपीलीय प्राधिकार ने सुनाया फैसला

बिहारशरीफ : लोक शिकायत निवारण के अपर समाहर्ता ने एक मामले की सुनवाई करते हुए मृतक की पत्नी रजूल देवी के मुआवजे के रूप में चार लाख रुपये भुगतान करने का आदेश दिया है. हरनौत के नेमचंद बाग निवासी रजूल देवी के पति सिकंदर मांझी की मौत करेंट लगने से हो गयी थी. स्व सिकंदर […]

बिहारशरीफ : लोक शिकायत निवारण के अपर समाहर्ता ने एक मामले की सुनवाई करते हुए मृतक की पत्नी रजूल देवी के मुआवजे के रूप में चार लाख रुपये भुगतान करने का आदेश दिया है. हरनौत के नेमचंद बाग निवासी रजूल देवी के पति सिकंदर मांझी की मौत करेंट लगने से हो गयी थी.

स्व सिकंदर मांझी साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से संबद्ध कंपनी मेसर्स एसएमएस के तहत एक दैनिक मजदूर के रूप में कार्यरत थे. 29 फरवरी, 2016 को उक्त कंपनी में कार्य करने के दौरान करेंट लगने से उसकी मौत हो गयी थी.
प्रथम अपीलीय प्राधिकार ने कहा कि अंतरिम आदेश के बावजूद महादलित परिवार को साढ़े तीन वर्षों से क्षतिपूर्ति मुआवजा की राशि भुगतान नहीं किया गया है. ऐसे में संबंधित कंपनी मेसर्स एसएमएस कंपनी कागजी मोहल्ले को नियमानुसार 15 दिनों के अंदर मृतक मजदूर स्व सिकंदर मांझी के निकटतम आश्रित को चार लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया जाता है.
यदि उक्त कंपनी द्वारा नियमानुसार भुगतान नहीं किया जाता है तो ऐसी स्थिति में मेसर्स एसएमएस कंपनी को काली सूची में डालते हुए उनके विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने की अनुशंसा की जाती है. वाद की सुनवाई में सहायक विद्युत अभियंता, ग्रामीण द्वारा दिनांक 25 सितंबर, 2019 को प्रतिवेदन समर्पित किया गया कि वादिनी रजूल देवी को आउटसोर्स एजेंसी एसएमएस द्वारा चार लाख रुपये का भुगतान चेक के माध्यम से कर दिया गया है.

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