वाशिंगटन : फेसबुक की प्रस्तावित डिजिटल मुद्रा ‘लिब्रा’ एक तरफ दुनियाभर में अमेरिका के वित्तीय दबदबे का विस्तार करेगी, वहीं वैश्विक स्तर पर नकदी की तंगी से जूझ रहे लोगों की मदद भी करेगी. फेसबुक के मुख्य कार्यकारी मार्क जुकरबर्ग ने मंगलवार को विधिनिर्माताओं के समक्ष दिये जाने वाले अपने बयान में यह बात कही.
अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की वित्तीय सेवा समिति द्वारा समन किए गए जुकरबर्ग ने बुधवार को पेश होने से एक दिन पहले यह बयान जारी किया. वह बुधवार को दूसरी बार अमेरिका की कांग्रेस के समक्ष पेश हुए. इससे पहले वह निजता संबंधी एक मामले में अप्रैल 2018 में कांग्रेस के समक्ष पेश हुए थे.
उल्लेखनीय है कि दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक की योजना एक डिजिटल मुद्रा ‘लिब्रा’ पेश करने की है. इसे लेकर उसे अमेरिका और यूरोप में नियामकों और कानून निर्माताओं के प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है. अपने तैयार बयान में जुकरबर्ग ने कहा कि जब हम इन मुद्दों पर वाद-विवाद कर रहे होंगे, तब सारी दुनिया इंतजार नहीं कर रही होगी. चीन आने वाले महीनों में इसी तरह की मुद्रा जारी करने पर तेजी से काम कर रहा है.
उन्होंने कहा कि लिब्रा को डॉलर का समर्थन होगा और मेरा मानना है कि यह दुनिया में अमेरिका के वित्तीय दबदबे के साथ-साथ हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को भी विस्तार देगी. यदि अमेरिका नवोन्मेष नहीं करेगा तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि हमारा वित्तीय दबदबा बना रहेगा, ” फेसबुक की योजना लिब्रा को 2020 में पेश करने की है. वहीं विधि निर्माता और नियामक इसके प्रभाव को लेकर चिंतित हैं.