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कनाडा में आज संसदीय चुनाव, मुश्किल में जस्टिन ट्रूडो की कुर्सी, पिछले 84 वर्षों में ऐसा कभी नहीं हुआ
टोरंटोः कनाडा में सघन चुनाव अभियान के बाद सोमवार को एक नई संसद का चुनाव हो रहा है. इस चुनाव में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सत्ता से बाहर होने का खतरा है. ट्रूडो ने अपने उदारवादी पिता एवं दिवंगत प्रधानमंत्री पियर ट्रूडो की अपार लोकप्रियता को आगे बढ़ाते हुए 2015 का चुनाव जीता था, लेकिन […]
टोरंटोः कनाडा में सघन चुनाव अभियान के बाद सोमवार को एक नई संसद का चुनाव हो रहा है. इस चुनाव में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सत्ता से बाहर होने का खतरा है. ट्रूडो ने अपने उदारवादी पिता एवं दिवंगत प्रधानमंत्री पियर ट्रूडो की अपार लोकप्रियता को आगे बढ़ाते हुए 2015 का चुनाव जीता था, लेकिन घोटाले और लोगों की भारी उम्मीदों ने उनकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया है.
चुनावों से संकेत मिल रहे हैं कि ट्रूडो की लिबरल पार्टी प्रतिद्वंद्वी कंजर्वेटिव पार्टी से हार सकती है, या शायद जीत भी जाए तो भी संसद में बहुमत पाने में नाकाम रह सकती है. ऐसे में उन्हें सत्ता में बने रहने के लिए विपक्षी पार्टी पर निर्भर रहना पड़ेगा. पिछले 84 वर्षों में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि पूर्ण बहुमत के साथ पहली बार कनाडा का प्रधानमंत्री बना कोई व्यक्ति अगले चुनाव में हार गया हो.
ट्रुडो ने कनाडा में करीब 10 साल तक चले कंजर्वेटिव पार्टी के शासन के बाद 2015 में उदारवादी सरकार बनाई थी और वह दुनिया के चुनिंदा उदारवादी नेताओं में एक हैं. ट्रूडो को इस साल हुए एक घोटाले से भी जूझना पड़ रहा है, जिसमें उनकी पूर्व अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि उन्होंने क्यूबेक कंपनी के मुकदमे को रोकने के लिए उन पर दबाव डाला.
इस बारे में ट्रूडो ने अपनी सफाई में कहा कि वह नौकरियां बचाना चाहते थे, लेकिन फिर भी इस घटना से उन्हें नुकसान हुआ और एंड्रयू शीयर के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी को बढ़त मिली.
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